रूस का रणनीतिक साझीदार होने के साथ रूस का पुराना और सच्चा दोस्त होने के अलावा विश्व राजनीति में बढ़ती धमक के बूते भारत ने आठ माह पुराने संघर्ष की समाप्ति की उम्मीद जगा दी है।
विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर रूस की यात्रा पर हैं। एस जयशंकर अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से मुलाकात करने के लिए सोमवार को राजधानी मॉस्को पहुंच चुके हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर जयशंकर की यह यात्रा बेहद अहम मानी जा रही है। रूसी संघ के विदेश मामलों के मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि आठ नवंबर को मॉस्को में विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के साथ बातचीत करेंगे।
भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय मुद्दों और विभिन्न क्षेत्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं पर आज मॉस्को में विदेश मंत्री डॉक्टर एस. जयशंकर और #रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ के बीच बातचीत होगी। @DrSJaishankar रूस की दो दिन की यात्रा पर हैं।
— आकाशवाणी समाचार (@AIRNewsHindi) November 8, 2022
जयशंकर ने इससे पहले आखिरी बार जुलाई 2021 में रूस का दौरा किया था और उसके बाद अप्रैल 2022 में रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने नई दिल्ली की यात्रा की थी। दोनों मंत्री आपसी सहयोग को आगे बढ़ाने की दिशा में बातचीत करेंगे। इस दौरान आर्थिक, वित्तीय, ऊर्जा, सैन्य-तकनीक, मानविकी, रिसर्च तथा डेवलपमेंट की दिशा में प्रभावी सहयोग की नीति तैयार पर बात होगी। इसके अलावा व्यापार, निवेश, ट्रांसपोर्टतथा ऊर्जा परियोजना पर भी बात किये जाने की उम्मीद है।
रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म कराने में भारत एक अहम भूमिका निभा सकता है. इसी उम्मीद के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर सोमवार (7 नवंबर) को दो दिवसीय यात्रा पर रूस जाएंगे.#RussiaUkraineWar #Russia #SJaishankar https://t.co/IaboGeGHDc
— ABP News (@ABPNews) November 7, 2022
यूएन चार्टर के मुताबिक भारत और रूस जरूरी मुद्दों और नियमों का समर्थन करते हैं। साथ ही दोनों देश सामान एजेंडे की वकालत करते हैं। इसके अलावा इन दोनों देश बाक़ी देशों के बीच परिणामदायक संवाद पर फोकस करते हैं।
भारत और रूस की इस मुलाक़ात को यूक्रेन और रूस में तैनात रहे भारतीय दूतों ने भी अहम बताया है इसके अलावा इस यात्रा पर बाक़ी दुनिया की भी निगाह तिकी है।