काठमांडू: नेपाल के अलग-अलग हिस्सों में लगातार आ रहे छोटे बड़े भूकंप से धरती का हिलना जारी है। भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र इसे खतरनाक बता रहा है।
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, नेपाल में सोमवार दोपहर रिक्टर पैमाने पर 5.3 तीव्रता का भूकंप आया। रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को आए भूकंप में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
नेपाल भूकंप विज्ञान केंद्र ने कहा कि भूकंप स्थानीय समयानुसार शाम 4:16 बजे आया, जिसका स्थान नेपाल के केंद्र में और 10 किमी की गहराई में था।
कुछ ही घंटों में तीसरे भूकंप के बाद भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने अलार्म बजा दिया है और पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों को अपने घर खाली करने की सलाह दी है।
बता दें कि नेपाल में शुक्रवार रात 11:47 बजे 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था, जिससे आवासीय इमारतें, सड़कें और कई संपत्तियां नष्ट हो गईं और 150 लोग इसके नीचे दब गए थे। भूकंप का केंद्र जाजरकोट में था।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, तब से लेकर शनिवार सुबह तक 4 तीव्रता के तीन झटके आए हैं, जबकि 35 से अधिक छोटे झटके दर्ज किए गए।
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पिछले कुछ महीनों से पश्चिमी नेपाल के जिलों में लगातार भूकंप आ रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, नेपाल में अधिक तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आने का खतरा है।
नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप निगरानी और अनुसंधान केंद्र के वरिष्ठ प्रभागीय भूकंपविज्ञानी लोक विजय अधिकारी के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में पश्चिमी नेपाल में भूकंप की संख्या में वृद्धि हुई है।
आगे वह बताते हैं कि रोजाना छोटे और कभी-कभी मध्यम आकार के भूकंपों से पता चलता है कि क्षेत्र में भूकंप का खतरा है।
उन्होंने कहा कि छोटे और मध्यम भूकंपों की संख्या से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि इस क्षेत्र में कोई बड़ा भूकंप आ सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि पृथ्वी की सतह के नीचे भारतीय प्लेट प्रति वर्ष दो सेंटीमीटर की दर से उत्तर की ओर यूरेशियन प्लेट की ओर बढ़ रही है, जिससे हिमालय क्षेत्र में भूकंपीय दरारें आ रही हैं।
विशेषज्ञ ये भी कहते हैं कि पृथ्वी की चुंबकीय प्लेटों की गति के कारण नेपाल में हर साल भूकंप की ऊर्जा जमा हो रही है। इस मुद्दे पर लोक विजय अधिकारी का कहना है कि जितना अधिक समय गुजरेगा, उतनी अधिक भूकंपीय ऊर्जा जमा होगी।
अधिकारियों के मुताबिक, नेपाल में हर दिन रिक्टर पैमाने पर 2 से अधिक तीव्रता वाले लगभग 10 भूकंप आते हैं।
आज भी नेपाल की जनता 2015 में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप को नहीं भूल सके हैं। यह एक बड़ी त्रासदी थी जिसमें नौ हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।
अब तक के शोध के अनुसार, यह क्षेत्र अब खतरे में है क्योंकि पिछले पांच सौ वर्षों में भारतीय शहर देहरादून के पूर्व में 800 किमी के दायरे में कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है।