एग्जिट पोल के नतीजों को कांग्रेस समेत दूसरे कई दल खारिज कर चुके हैं. कांग्रेस प्रवक्ता राजीव शुक्ला ने तो पार्टी की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि एग्जिट पोल मनोरंजन के लिए हैं और इसके नतीजे एक चुटकुला. दरअसल, कांग्रेस सूत्रों का मानना है कि उसके सर्वे के मुताबिक अकेले कांग्रेस करीब 140 के आस-पास सीटें जीत रही है. वहीं एनडीए 180 के अंदर सिमट जाएगी.
हालांकि एग्जिट पोल के नतीजे आने के बाद भी कांग्रेस एनडीए को अधिकतम 200 से ज़्यादा सीटें देने को तैयार नहीं है. कांग्रेस का मानना है कि बीजेपी को उड़ीसा और बंगाल जैसे राज्यों में एग्जिट पोल जितनी बढ़त बता रहे हैं, उतनी है नहीं और जिन राज्यों में बीजेपी 2014 में शीर्ष पर थी, वहां घाटा होना तय है. कांग्रेस ही नहीं समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी भी एग्जिट पोल नतीजे को खारिज कर चुके हैं.
सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने आजतक से कहा कि 23 तारीख को एग्जिट पोल धड़ाम हो जाएंगे. वहीं बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि एग्जिट पोल कैसे होते हैं सब जानते हैं. वैसे टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू अपना सर्वे लेकर सबसे मुलाकात कर रहे हैं, जिसमें कांग्रेस को 129 और एनडीए को अधिकतम 179 सीटें अनुमानित हैं. दरअसल, एग्जिट पोल के नतीजों पर अंदरखाने विपक्ष नेता 3 बड़ी बातें बता रहे हैं.
1. या तो मोदी सरकार ईवीएम में बड़ी गड़बड़ी कर चुकी है या करने वाली है, इसलिए एग्जिट पोल के जरिए माहौल तैयार किया जा रहा है.
2. या तो शेयर मार्केट के जरिये पैसा कमाने का खेल है.
3. एग्जिट पोल करने वाली कंपनियों को पैसे के जरिए मैनेज किया गया है.
गौरतलब है कि ईवीएम और वीवीपैट में गड़बड़ी के मुद्दे को लेकर मंगलवार को 22 विपक्षी पार्टियों ने नेताओं ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था. उन्होंने हर विधानसभा क्षेत्र में 50 प्रतिशत वीवीपैट पर्चियों की ईवीएम से मिलान की मांग दोहराई, जिसे सुप्रीम कोर्ट भी खारिज कर चुका है. इन पार्टियों ने कहा कि अगर किसी मतदान केंद्र पर वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान सहीं नहीं पाया जाता तो उस विधानसभा क्षेत्र के सभी मतदान केंद्रों की वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती की जाए और फिर ईवीएम के नतीजों से उनका मिलान किया जाए.
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने निर्वाचन आयोग से बैठक के बाद ईवीएम में गड़बड़ी होने का अंदेशा जताया. हालांकि चुनाव आयोग ने विपक्षी पार्टियों के सभी दावे खारिज करते हुए कहा कि ईवीएम और वीवीपीएटी स्ट्रॉन्ग रूम में पूरी तरह सुरक्षित हैं. जिन मशीनों की शिकायत सामने आई, उनका वोटिंग के दौरान इस्तेमाल किया ही नहीं गया. चुनाव आयोग ने कहा कि मतदान के बाद ईवीएम और वीवीपीएटी मशीनों को सील किया जाता है और उन्हें स्ट्रॉन्ग रूम में सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में रखा जाता है. उम्मीदवार और उनके प्रतिनिधि स्ट्रॉन्ग रूम को कभी भी देख सकते हैं.