ऑरलैंडो में होने वाले एक हालिया अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि एक दिन में तीन कप से अधिक कॉफी पीने से समय के साथ तेजी से संज्ञानात्मक गिरावट होती है।
शोध पर काम कर रहे जांचकर्ताओं ने कॉफ़ी और चाय की अलग-अलग मात्राओं के बुद्धि पर पड़ने वाले प्रभाव की जांच की, जिसमें तार्किक सोच (logical thinking) सहित अमूर्त तर्क (abstract reasoning) और विचार पैटर्न (Thought Patterns) के पैमाने शामिल थे।
काफी की अधिकता और संज्ञानात्मक क्षमता से जुड़े इस अध्ययन के नतीजे अल्जाइमर एसोसिएशन इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस (एएआईसी) 2024 में प्रस्तुत किए गए।
कॉफी दुनिया भर में सबसे ज़्यादा सेवन किए जाने वाले पेय पदार्थों में से एक है। कॉफी बीन्स में कई तरह के बायोएक्टिव यौगिक होते हैं, जिनमें कैफीन, क्लोरोजेनिक एसिड और थोड़ी मात्रा में विटामिन और खनिज शामिल हैं।
एडवेंट हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट, ऑरलैंडो के पीएचडी केल्सी आर. सेवेल इस विषय पर अपनी बात रखते हुए कहती हैं- ”एक पुरानी कहावत है कि किसी भी चीज़ की अति अच्छी होती है और यह सच है। हर चीज को संतुलित करना होगा, इसलिए मध्यम मात्रा में कॉफी का सेवन ठीक है लेकिन बहुत ज्यादा हानिकारक है।”
परिणाम यह भी बताते हैं कि कॉफी और चाय दोनों के संयमित मात्रा में सेवन से स्ट्रोक, हृदय रोग, कैंसर, मधुमेह का खतरा कम हो सकता है और पार्किंसंस रोग पर लाभकारी प्रभाव पड़ता है।
इस नए अध्ययन में 60 वर्ष से अधिक आयु के 8451 मुख्यतः महिला (60%) संज्ञानात्मक रूप से अप्रभावित लोग शामिल थे। अध्ययन के विषयों का औसत बॉडी मास इंडेक्स 26 था। यूके बायोबैंक एक बड़े पैमाने पर शोध संसाधन है जिसमें पाँच लाख यूके प्रतिभागियों से गहन, पहचान रहित आनुवंशिक और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी शामिल है।