विशेषज्ञों ने पृथ्वी से लाखों प्रकाश वर्ष दूर एक दुर्लभ घेरे की खोज की है। अंतरिक्ष में तैर रही एक बेहद शक्तिशाली दूरबीन ने सुदूर आकाशगंगा के चारों ओर प्रकाश के जिस दुर्लभ दायरे की खोज की है उसे ‘आइंस्टीन रिंग’ नाम दिया गया है।
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के यूक्लिड टेलीस्कोप ने पृथ्वी से लगभग 590 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर स्थित आकाशगंगा एनजीसी 6505 के चारों ओर प्रकाश के प्रभामंडल की तस्वीर लेने में कामयाबी पाई है।
इसका नाम अल्बर्ट आइंस्टीन के नाम पर रखा गया है, जो महान वैज्ञानिकों में से एक हैं और उनके सापेक्षता के सिद्धांत में कहा गया है कि प्रकाश अंतरिक्ष में वस्तुओं के चारों ओर मुड़ जाएगा, जिससे वे प्रकाश को एक विशाल लेंस की तरह केंद्रित करेंगे, और विशाल आकाशगंगाओं के लिए यह प्रभाव अधिक बड़ा होगा।
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के यूक्लिड दूरबीन ने एक आकाशगंगा के चारों ओर एक दुर्लभ आइंस्टीन रिंग की खोज की है। यह रिंग एनसीजी 6505 आकाशगंगा के चारों ओर प्रकाश का एक प्रभामंडल है, जो 590 मिलियन प्रकाश-वर्ष दूर है।
ओपन यूनिवर्सिटी के खगोलशास्त्री प्रोफेसर स्टीफन सार्जेंट का इस खोज पर कहना है कि प्रारंभिक आंकड़ों में यह एक सुंदर, असामान्य, दिलचस्प और सौभाग्यशाली खोज है।
उन्होंने कहा कि आइंस्टीन रिंग का इतना पूर्ण होना अत्यंत दुर्लभ है। पृष्ठभूमि आकाशगंगा को अग्रभूमि आकाशगंगा के कारण उत्पन्न विकृत स्थान-समय के माध्यम से देखा जा सकता है।
प्रकाश का यह दायरा एक अन्य आकाशगंगा द्वारा निर्मित हो रहा है, जो पृथ्वी से 4.42 अरब प्रकाश वर्ष दूर है और एनजीसी 6505 के ठीक पीछे स्थित है।
यूक्लिड आर्काइव के वैज्ञानिक ब्रूनो अल्टिएरी ने पहली बार 2023 में अंतरिक्ष यान के शुरुआती परीक्षण चरण की छवियों को देखते हुए आइंस्टीन रिंग का संकेत देखा था।
एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स पत्रिका में प्रकाशित ये चित्र दर्शाते हैं कि पीछे की आकाशगंगा से आने वाला प्रकाश NGC 6505 के गुरुत्वाकर्षण के कारण विकृत हो रहा है।
जब दो आकाशगंगाएँ बिल्कुल संरेखित होती हैं, तो अधिक दूर की आकाशगंगा की छवि लगभग पूर्ण वृत्त में परिवर्तित हो जाती है जो लेंस आकाशगंगा को घेर लेती है।
यह घटना वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड के विभिन्न पहलुओं का पता लगाने में मदद करती है, जिसमें इसका विस्तार, डार्क मैटर और डार्क एनर्जी का अस्तित्व और प्रभाव शामिल हैं।