बिहार विधानसभा चुनाव इस वर्ष अक्टूबर या नवंबर में कराए जाने की योजना है। चुनाव की प्रक्रिया को पारदर्शी व सुगम बनाने के लिए इलेक्शन कमीशन ने मुस्तैदी दिखानी शुरू कर दी है।
सही मतदाता सूची के साथ मतदान प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए भारतीय चुनाव आयोग ने तीन नई पहल की शुरूआत की है। उम्मीद की जा रही है कि चुनाव आयोग द्वारा शुरु की गई इस पहल से चुनाव प्रक्रिया सुगम होने के साथ पारदर्शी भी रहेगी।
आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग द्वारा तीन नई पहल का मकसद है कि मतदान की प्रक्रिया को लोगों के लिए आसान और भरोसेमंद बनाया जा सके।
चुनाव आयोग की ओर से किया गया पहला एलान मृत्यु पंजीकरण के डेटा से संबंधित है। अब चुनाव आयोग को पंजीयक जनरल ऑफ इंडिया से मृत लोगों का रिकॉर्ड सीधे इलेक्ट्रॉनिक तरीके से मिलेगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि मृतकों के नाम समय पर मतदाता सूची से हटाए जाएं। इसके पश्चात बूथ लेवल अधिकारी यानी बीएलओ फील्ड में जाकर जानकारी की दोबारा जांच कर सकेंगे।
दूसरे एलान बात की करें तो अब मतदाता स्लिप को और मतदाता के अनुकूल बनाया जाएगा। वोटर की सीरियल नंबर और पार्ट नंबर अब बड़े फॉन्ट में दिखेगा, जिससे मतदाताओं को अपना पोलिंग स्टेशन पहचानना आसान होगा और चुनाव अधिकारी भी पहले की अपेक्षा कम समय में नाम तलाश सकेंगे।
चुनाव आयोग के तीसरे एलान के तहत अब हर बीएलओ को एक मानक फोटो पहचान पत्र दिया जाएगा ताकि जब वे घर-घर जाकर मतदाताओं से मिलें तो लोग उन्हें आसानी से पहचान सकें। साथ ही भरोसे से बात कर सकें।
बिहार चुनाव पूर्व की गई तैयारियों पर इलेक्शन कमीशन का कहना है कि इस संबंध में उठाए जाने वाले सभी क़दम विश्वास, पारदर्शिता और सहूलियत बढ़ाने की दिशा में एक मजबूत प्रयास हैं।
आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग द्वारा तीन नई पहल का मकसद है कि मतदान की प्रक्रिया को लोगों के लिए आसान और भरोसेमंद बनाया जा सके।
बताते चलें कि ये फैसले मार्च 2025 में हुई मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की बैठक में लिए गए, जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्त डॉक्टर सुखबीर सिंह संधू व डॉक्टर विवेक जोशी मौजूद थे।