नई दिल्ली । वैज्ञानिकों ने भूलने बीमारी की दवा खोज ली है। यह दवा दिमाग से संबंधित बीमारियों समेत भूलने की दिक्कत को दूर करने में वरदान साबित होगी। वैज्ञानिकों ने जिन दो नई दवाओं की खोज की वह इंसान के दिमाग से संबंधित समस्याओं के लिए इस्तेमाल की जा सकेगी।
वैज्ञानिकों का कहना है कि यह दवा इंसानों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित होगी क्योंकि पहले से ही कुछ बीमारियों में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। ब्रिटेन की मेडिकल रिसर्च काउंसिल के टॉक्सीकोलॉजी विभाग की एक शोधकर्ता ने इस कामयाबी पर मीडिया से खुशी जाहिर की है।
चूहों में सफल हुआ प्रयोग
इस नई दवा का प्रयोग चूहों में किया गया जो सफल रहा। अगले दो-तीन सालों इसका प्रयोग इंसानों में किए जाने की संभावना जताई गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, दिमाग की कोशिकाओं में जब कोई वायरस पहुंचता है तो वह कोशिका में बनने वाले प्रोटीन को नियंत्रित करने लगता है। ऐसा होने कोशिका प्रोटीन का निर्माण बंद कर देती है और कुछ समय बाद खुद को समाप्त कर लेती है। ऐसी कोशिका को फिर से जीवत करने का कोई उपाय नहीं था और इसी वजह से ब्रेन हैम्ब्रेज या अल्जाइमर जैसी बीमारी से ग्रसित हो जाता है। लेकिन नई दवा वायरस से प्रभावित कोशिका को प्रोटीन संश्लेषित करने में मदद करती है। इस दवा से किसी नई दिमाग की नई कोशिकाओं के निर्माण में मदद मिलती है।
हालांकि इससे पहले 2013 में भी ब्रिटेन की मेडिकल रिसर्च काउंसिल ने दावा किया था कि उसने जानवरों में दिमाग की कोशिकाओं से मृत होने से रोक दिया था। उनका यह दुनियाभर की मीडिया सुर्खियां बना था। लेकिन बाद में कहा गया इस दवा का इस्तेमाल इंसानों में संभव नहीं है क्योंकि इसके इस्तेमाल से कि अंग के खराब होने की आशंका है।
इस नई दवा की खोज के बारे में अल्जाइमर सोसाइटी के डॉ डाउग ब्राउन का कहना है कि वह इस पूरे शोध और प्रयोग से काफी उत्साहित हैं। जैसे इन नई दो दवाओं में से एक पहले से ही डिप्रेशन को ठीक करने के लिए इस्तेमाल हो रही है। लेकिन धीरे धीरे इसका इस्तेमाल कम हो जाएगा। वहीं एक दूसरे विशेषज्ञ ने कहा कि यह बहुत ही जरूरी और चौंका देने वाला शोध है।