श्रीलंका के विपक्षी दलों ने प्रस्तावित एकता सरकार में शामिल होने के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के निमंत्रण को बताकर खारिज कर दिया है। कोलंबो में विरोध प्रदर्शन के बाद श्रीलंका ने तीन दिवसीय कर्फ्यू का ऐलान कर दिया था। ऐसे में श्रीलंका दवा की भारी कमी भी खेल रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ दवाओं की कमी से हालात गंभीर स्थिति में पहुंच सकते हैं।
देश में आपातकालीन स्वास्थ्य स्थिति का ऐलान कर दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार यह फैसला मरीजों की जान की सुरक्षा के लिए लिया गया है। इससे पहले भी सरकार द्वारा जन स्वास्थ्य सेवाओं को जरूरी सेवा घोषित किया था। यहाँ के नागरिकों को दवाओं के साथ बिजली जैसी सुविधाओं के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं। सचिव डॉक्टर शेनल फर्नांडो का कहना है कि मरीजों की जान बचाने के लिए आपातकालीन स्वास्थ्य स्थिति की घोषणा करने का फैसला लिया गया है।
राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के एकता सरकार में शामिल होने के निमंत्रण को विपक्षी पार्टियों द्वारा खारिज करने के साथ उनसे देश में भोजन, ईंधन और दवाओं की बिगड़ती कमी पर इस्तीफे की मांग की। इस बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति ने संसद की वैधता और स्थिरता को बनाए रखने के लिए चार मंत्रियों को नामित किया है। ये फैसला पूर्ण मंत्रिमंडल की नियुक्ति होने तक के लिए लिया गया है।
देश की खराब अर्थव्यवस्था के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन जारी हैं। सोमवार को वित्तमंत्री बासिल राजपक्षे को उनके पद से बर्खास्त कर दिया था और विपक्ष को एकता सरकार में शामिल होने का न्योता दिया था।
देश की खराब अर्थव्यवस्था के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन जारी हैं। सोमवार को वित्तमंत्री बासिल राजपक्षे को उनके पद से बर्खास्त कर दिया था और विपक्ष को एकता सरकार में शामिल होने का न्योता दिया था। सरकार द्वारा लागू आपातकाल और कर्फ्यू का उल्लंघन करने वाले हजारों लोगों के प्रदर्शन किए जाने के बाद रविवार रात को देश के सभी 26 मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी यूनाइटेड पीपुल्स फोर्स या समागी जन बलावेग्या ने तत्काल राष्ट्रपति के एकता सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। पार्टी नेता सजीत प्रेमदासा का कहना है कि वह एक ऐसा राजनीतिक मॉडल चाहते हैं जो काम करे। इस नए मोडल के तहत उन्होंने नए श्रीलंका और मजबूत संस्थान की शुरुआत की बात कही है। इस बीच विपक्षी तमिल नेता मनो गणेशन ने कहा कि उनकी पार्टी तमिल पीपुल्स अलायंस और मुख्य श्रीलंकाई मुस्लिम पार्टी मुस्लिम कांग्रेस भी एकता सरकार में शामिल नहीं होंगी।
कोलंबो में विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद श्रीलंका ने तीन दिवसीय कर्फ्यू का ऐलान कर दिया था। इसके बावजूद आर्थिक संकट से निपटने के सरकार के प्रयासों के खिलाफ जनता नाराजगी जाहिर कर रही है।