भारत के 15वें राष्ट्रपति पद की शपथ आज द्रौपदी मुर्मू को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमना ने दिलाई। मुर्मू देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति होने के साथ सर्वोच्च संवैधानिक पद संभालने वाली पहली आदिवासी महिला है। इसके अलावा वह स्वतंत्र भारत में पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति भी हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जोहार नमस्कार के बाद अपने भाषण में भारत के समस्त नागरिकों की आशा-आकांक्षा और अधिकारों की प्रतीक पवित्र संसद से सभी देशवासियों का पूरी विनम्रता से अभिनंदन किया। उन्होंने कहा आपकी आत्मीयता, विश्वास और आपका सहयोग, मेरे लिए इस नए दायित्व को निभाने में मेरी बहुत बड़ी ताकत होंगे।
शपथ ग्रहण समारोह में मुर्मू ने इसे अपना सौभाग्य बताया और कहा कि मुझे स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में सेवा करने का अवसर मिला है। राष्ट्रपति मुर्मू ने उन्हें यहाँ तक पहुँचाने वाले सभी सांसदों और विधानसभा सदस्यों का हार्दिक आभार व्यक्त किया। साथ ही आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा आपका मत देश के करोड़ों नागरिकों के विश्वास की अभिव्यक्ति है।
शपथ में दिखा संथाल, जानिए द्रौपदी मूर्मू के शपथग्रहण की खास बात#DraupadiMurmuhttps://t.co/fJ9jVRAvpB
— NBT Bihar (@NBTBihar) July 25, 2022
अतीत में भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को इस सर्वोच्च संवैधानिक पद की शपथ ली थी। राजेंद्र प्रसाद ने 1952 में पहला राष्ट्रपति चुनाव जीता था। इस पद का दूसरा चुनाव जीतने के साथ वे 1962 तक राष्ट्रपति पद पर बने रहे।