वजन कम करने की चाहत रखने वाले बड़ी संख्या में इस गलतफहमी में हैं कि चावल खाने से वजन बढ़ता है, जबकि अन्य लोगों का मानना है कि चावल खाने से शुगर की शिकायत हो जाती है।
चावल दक्षिण एशिया में लोगों का बेहद ख़ास भोजन है, जिसका व्यापक रूप से सेवन किया जाता है। मेडिकल एक्सपर्ट्स के मुताबिक, चावल खाने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन चावल कितना खाया जा रहा है, यह बहुत महत्वपूर्ण है।
100 ग्राम चावल में 242 कैलोरी, 0.4 ग्राम वसा, 53.4 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 4.4 ग्राम प्रोटीन होता है, जबकि इसमें विटामिन और खनिजों की कमी होती है।
एक नए अध्ययन से पता चला है कि चावल खाने से न तो वजन बढ़ता है और न ही शुगर जैसे अन्य विकार होते हैं, लेकिन अगर चावल को दाल, बीन्स, मांस, मछली और सब्जियों जैसे प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों के साथ खाया जाए तो यह बहुत उपयोगी है। इसमें आसानी से पचने के साथ स्वास्थ्यवर्धक भोजन के गुण भी होते हैं।
हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि चावल उन लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जो, विटामिन बी 12, हीमोग्लोबिन और विटामिन डी की कमी से पीड़ित हैं। खाने के बारे में ये ख्याल रखना कि चावल घटाने से वजन घट सकता है, पूरी तरह से गलत धारणा है।
हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि बेशक चावल में रोटी के मुक़ाबले कम फाइबर पाया जाता है मगर ये भी हक़ीक़त है कि चावल इंसानी मेदे के लिए फाइबर का किरदार अदा करते हैं।
दूसरी ओर, जापान में किए गए एक मेडिकल अध्ययन में कहा गया है कि उन देशों में मोटापे की दर कम है जो अधिक चावल खाते हैं।
इस अध्ययन के दौरान 136 से अधिक देशों में चावल की खपत सहित कैलोरी खपत की दर का भी विश्लेषण किया गया, जबकि शरीर के वजन के आंकड़ों को भी देखा गया। पश्चिमी देशों की तुलना में यहाँ के देशों में मोटापे की दर कम है, जबकि यहाँ चावल का सेवन ज़्यादा किया जाता है।
चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, दाल, मांस और सब्जियों के साथ सीमित मात्रा में चावल खाना फायदेमंद है, जबकि इसके अधिक सेवन से शुगर और मेटाबोलिक सिंड्रोम का खतरा बढ़ जाता है।
अध्ययन में पहली बार यह भी पता चला कि सफेद चावल और पास्ता में मोटापे से बचाने वाले कार्बोहाइड्रेट होते हैं, और सादे चावल का लगातार सेवन, मोटापे से बचाने में मदद कर सकता है।