नई दिल्ली। यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रवक्ता मनमोहन वैद्य के आरक्षण खत्म करने वाले बयान पर बीजेपी घिरती नजर आ रही है। demands
विपक्षी पार्टियों ने बीजेपी पर जमकर हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी की मांग की है।
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला वैद्य के बयान पर कहा- एक बार फिर बीजेपी और आरएसएस की दलित विरोधी मानसिकता बेनकाब हुई है इसका नतीजा भुगतना होगा।
वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद ने वैद्य के आरक्षण पर दिए बयान पर भडक़ते हुए कहा कि आरक्षण संविधान ने दिया है ।
आरएसएस की इतनी हिम्मत नहीं कि वह छीन सके। लालू ने शुक्रवार को ट्वीट किया, आरक्षण संविधान प्रदत्त अधिकार है।
आरएसएस जैसे जातिवादी संगठन की खैरात नहीं। इसे छीनने की बात करने वालों को औकात में लाना कमजोर वर्गो को आता है।
लालू ने केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के मार्गदर्शक संगठन आरएसएस पर सवाल खड़ा करते हुए एक अन्य ट्वीट में लिखा, आरएसएस पहले अपने घर में लागू 100 फीसदी आरक्षण की समीक्षा करे। कोई गैर-सवर्ण, पिछड़ा, दलित या महिला आज तक संघ प्रमुख क्यों नहीं बने हैं? बात करते हैं!
पूर्व केंद्रीय मंत्री यहीं नहीं रुके, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधते हुए और बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार की याद दिलाते हुए आगे लिखा, मोदी जी, आपके आरएसएस प्रवक्ता आरक्षण पर फिर अंट-शंट बके हैं।
बिहार ने रगड़-रगड़ के धोया, शायद कुछ धुलाई बाकी रह गई थी जो अब यूपी जमकर करेगा। उल्लेखनीय है कि जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में आरएसएस के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कहा है कि आरक्षण के नाम पर लोगों को सैकड़ों साल से अलग करके रखा गया है।
इसे खत्म करने की जिम्मेदारी हमारी है। उन्होंने कहा है कि आरक्षण को खत्म करना होगा, क्योंकि इससे अलगाववाद को बढ़ावा मिला है। गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव के समय पूर्व संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण को खत्म करने को लेकर बयान दिया था।
इसके बाद जद (यू) और राजद ने चुनावी सभाओं में इस मामले को जोर-शोर से उठाया था, जिसका फायदा भी उन्हें चुनाव मिला था। मोदी ने कहा था, आरक्षण को बचाने के लिए जी-जान लगा दूंगा। लेकिन मतदाताओं ने उनकी बात पर भरोसा नहीं जताया।