मुंबई: मुंबई में खसरा का प्रकोप बढ़ गया है। बुधवार को खसरा के 13 नए मामले सामने आए और आठ महीने के बच्चे की मौत हो गई। जिसके साथ ही यहाँ खसरा से जान गंवाने वालों की संख्या 12 हो गई है।
बृहन्मुंबई नगर निगम के मुताबिक़ मुंबई में बुधवार को खसरे के 13 नए मामले दर्ज किये गए हैं। बीमारी की चपेट में एक बच्चे की मौत की भी जानकारी मिली है। खसरा के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी करने के साथ राज्यों को अलर्ट रहने की सलाह दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ 20 नवंबर को बच्चे के पूरे शरीर पर चकत्ते हो गए थे। मंगलवार शाम उसे नगरपालिका अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन कुछ ही घंटों में उसकी मौत हो गई।
अगर इस बीमारी को लेकर सावधानी न बरती जाए, तो यह जानलेवा साबित हो सकती है. #Measleshttps://t.co/mItNxDXoML
— News18 India (@News18India) November 23, 2022
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री डॉ तानाजी सावंत ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों सहित नगर निगम और विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों से इस सम्बन्ध में बैठक की। स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी दी कि खसरा प्रकोप की जांच में राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों की सहायता की जाएगी। बीमारी को नियंत्रित करने के सभी तरीकों में मदद की जाएगी।
केंद्र सरकार ने इस सम्बन्ध में विशेष रूप से बिहार, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, केरल और महाराष्ट्र के कुछ जिलों में बढ़ते मामलों पर चिंत जताई है। साथ ही केंद्र द्वारा राज्यों को तैयारियों और प्रतिक्रिया पर सलाह दी है। इसके अलावा राज्यों से खसरे 9 महीने से 5 साल उम्र के बीच के सभी बच्चों को खसरा और रूबेला नियंत्रण टीके की एक अतिरिक्त खुराक देंने के आदेश भी दिए गए हैं।
केंद्र ने एक अतिरिक्त खुराक देने पर विचार की बात भी कही है। केंद्र द्वारा कहा गया है कि 9-12 महीने में पहली खुराक और 16-24 महीने में दूसरी खुराक के प्राथमिक टीकाकरण कार्यक्रम के अतिरिक्त होगी। 9 महीने से 5 साल के बच्चों में खसरे के मामलों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। एमआरसीवी की एक खुराक 6 महीने और 9 महीने से कम उम्र के सभी बच्चों को उन क्षेत्रों में दी जानी है, जहां खसरे के 9 महीने से कम आयु वर्ग के मामले कुल खसरे के मामलों के 10 प्रतिशत से अधिक हैं।
मीजल्स या खसरा एक संक्रामक रोग है। इसमें बच्चों को बुखारके साथ चेहरे पर लाल चकत्ते निकल आते हैं। इसे वैक्सीन के माध्यम से समाप्त करने की कोशिश की जा रही है। समय पर खसरे का इलाज न करने पर बच्चे की मौत भी हो सकती है.
बच्चे में खसरा का संक्रमण एक सप्ताह के भीतर किसी दूसरे बच्चे को संक्रमित कर सकता है। इससे बचाव के लिए खसरे का टीका अवश्य लगवाएं। खसरे का संक्रमण बढ़ जाने पर अपने बच्चे को आइसोलेट करें। अगर बच्चे में खसरे का लक्षण है तो डॉक्टर के पास अवश्य जाएं।