नई दिल्ली, । लालू से 20 साल बाद फिर पूछताछ करेगी सीबीआई. करीब 20 साल पहले तत्कालीन बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में लालू प्रसाद से केन्द्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने चारा घोटाले में पूछताछ की थी। जिनमें अदालत उन्हें सजा भी सुना चुकी है। एक बार फिर से सीबीआई ने लालू यादव को समन भेजा है। लेकिन, इस बार मामला है 2004 से 2009 के दौरान उनके केन्द्र में रेल मंत्री रहते हुए भ्रष्टाचार की गतिविधियों में संलिप्त होने का।
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आइआरसीटीसी) के होटल लीज पर देने के बदले में पटना में मॉल की जमीन लेने के आरोप में सीबीआइ ने पूर्व रेल मंत्री लालू यादव और उनके बेटे व बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को पूछताछ के लिए तलब किया है। यानि, लालू यादव और उनके परिवार के ऊपर तीनों केन्द्रीय जांच एजेंसियों का शिकंजा कसा जा चुका है। राजनीतिक जानकार इसे लालू और उनके परिवार के लिए आनेवाले दिनों में आने वाली बड़ी मुसीबत के तौर पर देख रहे हैं। आइये जानने का प्रयास करते हैं लालू और उनके परिवार पर क्या है ताजा मामला और कितना बड़ा आ सकता है संकट।
सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लालू यादव और तेजस्वी यादव को सोमवार को दिल्ली स्थित सीबीआइ मुख्यालय में पूछताछ के लिए हाजिर होने के लिए कहा गया है। पूर्व रेल मंत्री लालू यादव को सीबीआइ को बताना पड़ेगा कि कैसे उन्होंने पुरी और रांची के आइआरसीटीसी के होटलों को पटना के चाणक्य होटल के मालिक विनय कोचर को लीज पर दे दिया? सीबीआइ के पास विनय कोचर को होटल लीज पर देने में लालू यादव की सीधी भूमिका के सुबूत हैं। उनसे यह पूछा जाएगा कि विनय कोचर ने कैसे पटना में जमीन प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी के नाम बेची और बाद में यह उनके परिवार के पास आ गई। इसी जमीन पर तेजस्वी यादव बिहार का सबसे बड़ा मॉल बना रहे हैं।
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