नई दिल्ली : ओडिशा और महाराष्ट्र के निकाय चुनावों में भारी जीत से उत्साहित बीजेपी अब इसे यूपी चुनाव के बाकी चरणों में भुनाने की कोशिश करेगी. bjp
पार्टी ने देश भर के सभी जिला कार्यालय में 25 फरवरी को ‘विजय उत्सव’ मनाने का निर्णय लिया है.
बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने बताया कि महाराष्ट्र के निकाय चुनाव में अभूतपूर्व सफलता मिलने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने यह निर्णय लिया है.
उन्होंने बताया कि अमित शाह ने नतीजे आने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और राज्य ईकाई के अध्यक्ष रावसाहब पाटील दानवे को फोन कर बधाई दी है.
बीजेपी अब इस भारी जीत का फायदा यूपी के चुनाव में उठाना चाहती है, जहां अभी तीन चरण के चुनाव होने हैं. यूपी में अभी पांचवें से लेकर सातवें चरण के चुनाव बाकी है, जिनमें मध्य यूपी के कुछ जिलों के अलावा मुख्यत: पूर्वांचल में मतदान होने हैं.
पार्टी को ऐसा लगता है कि महाराष्ट्र चुनावों के इन नतीजों से यूपी की जनता का मन भी बदल सकता है और अब उसको मिलने वाले वोटों में इजाफा हो सकता है.
गौरतलब है कि यूपी में कांटे की त्रिकोणीय लड़ाई है, ऐसे में वोटों का 1 या 2 फीसदी का स्विंग में नतीजों में काफी फेरबदल कर सकता है. भाजपा समर्थकों और मोदी प्रशंसकों ने इसे अभी से नोटबंदी पर भाजपा की जीत कहकर सोशल मीडिया पर प्रचार शुरू कर दिया है. अब जब भाजपा के स्टार प्रचारक यूपी में चुनाव की रणभेरियां फूंक रहे होंगे, तो उसमें मुंबई और महाराष्ट्र की जीत की हुंकार भी शामिल होगी.
देश की सबसे अमीर बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) की 227 सीटों के नतीजे आ गए हैं. इस चुनाव में बीजेपी को बड़ी कामयाबी मिली है, जबकि शिवसेना सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. वहीं कांग्रेस को करारा झटका लगा है.
हालांकि इस चुनाव में किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाई है. शिवसेना 84 सीटें जीतकर नंबर 1 पार्टी बनी है, 82 सीटों पर बीजेपी का परचम लहरा है.
भले ही बीजेपी का अपना महापौर ना बने लेकिन शिवसेना भी बिना बीजेपी के अपना महपौर नहीं बना सकती है. नोटबंदी के बाद बीएमसी सहित महाराष्ट्र की 10 महानगरपालिका और 25 जिला परिषद चुनाव में भी भाजपा ने भारी जीत दर्ज की है.
कुछ इस तरह के परिणाम ओडिशा के भी नगर निगम चुनाव में भी बीजेपी के पक्ष में आए. बीजेपी 450 सीटों में से 306 सीटों पर जीत दर्ज की हैं. इससे पहले 2012 सिर्फ़ 36 सीटों पर ही जीत मिली थी.
लेकिन इस बार इन निगम चुनाव में बीजेपी जिस जनता का समर्थन मिला है, उसके बाद बीजेपी ने अब ओडिशा में पार्टी के लिए विधानसभा और लोकसभा चुनावों में सम्भावनाएं तलाशना शुरू कर दिया है.