लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में सत्ता चाहती है। इसके लिए समरसता और स्वाभिमान को पार्टी प्रदेश के आसन्नन चुनावों मुद्दा बनाएगी। सालभर पहले नागपुर में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक ने एक नारा दिया गया था- एक कुआं, एक मंदिर और एक श्मशान। संघ ने यह रणनीति हिंदुओं के बीच जातिगत भेदभाव को खत्म करने के लिए बनाई थी। जातिगत भेदभाव और इसको रोकने के उपायों के तहत हर जिले में भाजपा की जनजागरण समितियां इसके लिए अभियान चला रही हैं। इस काम में संघ भी मदद कर रहा है। जिलों के सभी बड़े संतों और मठों के प्रमुखों को छुआछूत और जातिगत भेदभाव रोकने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
बौद्वों की धम्म यात्रा इसी कड़ी में की जा रही है। बौद्धों के धार्मिक स्थलों और बुद्धिस्ट दीक्षा भूमि पर पार्टी और संघ के पदाधिकारी कार्यकर्ताओं के साथ प्राय: सिर नवाते देखे जा सकते हैं। इस पूरी कवायद का मकसद सिर्फ एक है पार्टी के जरिए यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि हिंदू समुदाय के लोगों में एक होने की भावना बढ़ी है।
धम्म यात्रा के जरिए भी पैठ बनाना चाहती है भाजपा
आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा गैर यादव और दलित मतों पर नजर टिकाए हुए है। इसके तहत 24 अप्रैल को सारनाथ से शुरू हुई ‘धम्म चेतना यात्रा’ पर भाजपा पूरा भरोसा जता रही है। छह महीने तक चलने वाली यह यात्रा यूपी के दलित-ओबीसी इलाकों से गुजरेगी। 14 अक्टूबर को लखनऊ में इसका समापन होगा। लोगों के मुताबिक, धम्म यात्रा का मकसद लोगों को बौद्ध धर्म और भीमराव अंबेडकर के बारे में बताना है। इसके अलावा इस यात्रा के जरिए भाजपा कुछ पिछड़ी जातियों (जैसे मोर्य भी बौद्ध अनुयायी हैं) को भी अपने साथ लेना चाहती है। सूत्रों के मुताबिक, धम्म यात्रा के जरिए प्रतिदिन लगभग 10 हजार लोगों को संबोधित किया जा रहा है, जिनमें अधिकांश दलित और ओबीसी होते हैं। ऐसे में भाजपा की कोशिश है कि इस यात्रा के जरिए वह पीएम नरेंद्र मोदी की गरीबों और पिछड़ों के लिए शुरू की गई योजनाओं के बारे में बताकर पार्टी के लिए समर्थन मांगा जाए।
‘एक कुआं, एक मंदिर और एक श्मशान‘
आरएसएस एक कुआं, एक मंदिर और एक श्मशान को तेजी से आगे बढ़ाने की तैयारी में है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल नागपुर में हुई संघ की प्रतिनिधि सभा की बैठक में दलितों को जोड़ने की कवायद शुरू हुई थी। इसके तहत एक कुंआ, एक श्मशान और एक मंदिर का प्रस्ताव पारित किया गया था। लेकिन साल बीत जाने के बाद भी इस दिशा में कोई उल्लेखनीय प्रगति न होने के कारण संघ इसे तेजी से गति देने की तैयारी में है। इसके अलावा संघ ने देश के छह लाख गांवों तक अपनी पैठ बनाने के लिए नई योजना तैयार की है। इसके तहत दस-दस गांवों का समूह बनाया गया है। हरेक समूह को एक खंड या एक ब्लॉक माना जाएंगा। संघ की योजना 2016 तक इन सभी 60 हजार खंडों में एक शाखा खोलने की है।
भाजपा निकाल रही है तिरंगा यात्रा
सभी के एकजुट करने के लिए प्रदेश के 75 जिलों में भाजपा सात अगस्त से तिरंगा यात्रा निकालने जा रही है। इस यात्रा के पीछे मकसद यह है कि एक तरफ लोगों में राष्ट्रभक्ति का संदेश दिया जाए, दूसरी तरफ केन्द्र सरकार के कामों को जनता के बीच रखा जाये। साथ ही कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर राज्य सरकार की असफलताओं को जनता के बीच लाया जाये। विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी हिंदू-मुस्लिम-सिख और ईसाई सभी को बताना चाहती है कि पार्टी की सभी को एक साथ देखना चाहती है। इसीलिए भाजपा और आरएसएस ‘एक कुआं, एक मंदिर और एक श्मशान’ नारे के जरिए यूपी का चुनावी समर जीतना चाहते हैं।