एक नए अध्ययन में पाया गया है कि भुलक्कड़ होना मानसिक स्वास्थ्य के नकारात्मक नहीं बल्कि सकारात्मक लक्षणों में से एक है।
यूनिवर्सिटी ऑफ़ टोरंटो द्वारा किये गए एक अध्यन में दावा किया गया है कि याददाश्त का मज़बूत होना, ओवर रेटेड (किसी भी बात को अकारण बहुत अहमियत देना) है। इसके आधार पर ये निष्कर्ष निकला गया है कि भुलक्कड़ होना या चीज़ों को भूल जाना आपकी बुद्धि के लिए फायदेमंद साबित होता है।
प्रोफेसर ब्लेक रिचलैंड ने का कहना है- ‘यह महत्वपूर्ण है कि मस्तिष्क अप्रासंगिक (अनावश्यक) विवरणों को भूल जाए और इसके बजाय उन चीजों पर ध्यान केंद्रित करे जो वास्तव में निर्णय लेने में मदद करती हैं।
अध्ययन में शामिल सभी शोधकर्ता इस बात पर भी सहमत थे कि भूलना एक सकारात्मक प्रक्रिया है, जो दिमाग में महत्वपूर्ण चीजों के लिए जगह बनाती है और महत्वपूर्ण जानकारी को स्मृति के रूप में साथ रहने में मदद करती है।
अध्ययन के प्रकाशकों में से एक, प्रोफेसर ब्लेक रिचलैंड ने का कहना है- ‘यह महत्वपूर्ण है कि मस्तिष्क अप्रासंगिक (अनावश्यक) विवरणों को भूल जाए और इसके बजाय उन चीजों पर ध्यान केंद्रित करे जो वास्तव में निर्णय लेने में मदद करती हैं। (वह हिस्सा जो स्मृति को संग्रहीत करता है) में न्यूरॉन्स की संख्या में वृद्धि होती है लेकिन ये बिलकुल वही विवरण हैं जोआपकी ज़िन्दगी से सम्बंधित या ज़रूरी जानकारी नहीं हैं। और न ही ये आपको अच्छे फैसले लेने से रोक सकती हैं।’
शोध में शामिल प्रोफेसर रिचर्ड्स और पॉल फ्रैंकलैंड ने भूलने की आदत पर प्रस्ताव दिया है कि ‘मेमोरी’ को मूल्यवान जानकारी को बनाए रखने और अन्य महत्वहीन चीजों को भूलने की अनुमति देनी चाहिए, निर्णय लेने की आदत का उपयोग क्षमता में सुधार के लिए किया जा सकता है।