लखनऊ : बीएसपी नेता नवाब कजीम द्वारा कुछ दिन पहले आरोप लगाया गया था कि सपा नेता आजम खान का बेटा 25 वर्ष का नहीं है और वह यूपी विधानसभा चुनावों में खड़ा नहीं हो सकता। Azam
इसी को लेकर बीजेपी गुरुवार को चुनाव आयोग पहुंची, जहां उसने रामपुर के स्वार सीट से प्रत्याशी अब्दुल्ला खान की उम्मीदवारी रद्द करने की मांग की।
मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखे पत्र में बीजेपी ने आरोप लगाया कि अब्दुल्ला की उम्र 25 साल से कम है। पार्टी ने इसे लेकर कुछ ‘सबूत’ भी जमा कराए हैं।
इस पत्र पर यूपी बीजेपी के उपाध्यक्ष जेपीएस राठौड़ और जनरल सेक्रेटरी विजय बहादुर पाठक के दस्तखत हैं। उन्होंने कहा है कि रिटर्निंग अफसर ने पक्षपात किया है और उसने अब्दुल्ला के नामांकन पत्र में कई गड़बड़ियों को नजरअंदाज कर दिया है। उन्होंने इसके लिए कार्रवाई की मांग की है।
पत्र में उन्होंने दावा किया है नामांकन पत्र में इनकम का कॉलम खाली छोड़ा गया है और पार्टी का नाम सिर्फ समाजवादी लिखा गया है।
इसके अलावा यह भी नहीं बताया गया कि उम्मीदवार ने किस साल और किस जगह से डिग्री हासिल की है। इससे पहले सोमवार को नवाब कजीम अली खान ने रिटर्निंग अफसर से शिकायत की थी कि अब्दुल्ला की उम्र कम है।
जबकि अब्दुल्ला के वकील ने लखनऊ नगर निगम द्वारा जारी किया गया जन्म प्रमाण पत्र और आधार कार्ड सबूत के तौर पर रिटर्निंग अफसर के सामने पेश किया था। कजीम अली ने सवाल उठाया है कि एमटेक की डिग्री वाले अब्दुल्ला ने अपनी दसवीं की मार्कशीट सबूत के तौर पर क्यों नहीं दिखाई।
अब्दुल्ला और कजीम के वकीलों की तीन घंटे की बहस के बाद स्वार-टांडा के एसडीएम और रिटर्निंग अफसर गजेंद्र सिंह ने सपा उम्मीदवार के पक्ष में फैसला सुनाया।
गजेंद्र सिंह ने कहा कि कजीम को अपने आरोपों को साबित करने के लिए ठोस सबूत पेश करने चाहिए थे। उन्होंने कहा, मैं एक रिटर्निंग अफसर हूं, कोई जांच अधिकारी नहीं।
मुझे नगर निगम का सर्टिफिकेट सबूत के तौर पर मानना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि नामांकन पत्र और नगर निगम के सर्टिफिकेट के मुताबिक अब्दुल्ला की उम्र 30 सितंबर, 1990 है।