एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि कला और शिल्प जैसी रचनात्मक गतिविधियों में शामिल होने से सेहत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
एंग्लिया रस्किन विश्वविद्यालय में मनोवैज्ञानिक और स्कूल ऑफ साइकोलॉजी एंड स्पोर्ट साइंस की प्रमुख डॉ. हेलेन कीज़ के नेतृत्व में एक हालिया अध्ययन हुआ। इसमें पाया गया कि कला और शिल्प जैसी गतिविधियों का मानसिक और समग्र स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
कला और शिल्प जैसी रचनात्मक गतिविधियाँ न केवल उपलब्धि की भावना प्रदान करती हैं बल्कि व्यक्तिगत अभिव्यक्ति के लिए एक सार्थक उद्देश्य भी मुहैया कराने का भी काम करती हैं।
यूके के नेशनल टेकिंग पार्ट सर्वे के डेटा का उपयोग करते हुए, शोध टीम ने 7,182 प्रतिभागियों का विश्लेषण किया ताकि यह आकलन किया जा सके कि रचनात्मक गतिविधियाँ बेहतर स्वास्थ्य में कैसे योगदान करती हैं।
कीज़ ने कहा- “हमने अपने विश्लेषण को कला और शिल्पकला तक सीमित रखा, बजाय इसके कि हम किसी खास शौक पर ध्यान केंद्रित करें, क्योंकि हम जानते हैं कि लोगों की पसंद अलग-अलग होती है और वे अपने लिए सबसे बेहतर शिल्प या रचनात्मक गतिविधि ढूँढ़ लेंगे।” सर्वेक्षण के 37% से ज़्यादा उत्तरदाताओं ने पुष्टि की कि उन्होंने पिछले साल कम से कम एक शिल्प गतिविधि में हिस्सा लिया था।
इस लोगों से उनकी रोज़गार स्थिति, उनके स्वास्थ्य, उनके जीवन को जीने लायक समझने, कितनी बार वे अकेलापन महसूस करते हैं और उनके द्वारा महसूस की गई खुशी, चिंता और जीवन संतुष्टि के स्तर के बारे में भी पूछा गया।
शोधकर्ताओं ने यह भी माना कि रचनात्मक गतिविधियों के सामाजिक पहलुओं की जांच करने के लिए अतिरिक्त अध्ययन की आवश्यकता है।
फ्रंटियर्स इन पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित अध्ययन से खुलासा होता है कि कला और शिल्प जैसी रचनात्मक गतिविधियाँ न केवल उपलब्धि की भावना प्रदान करती हैं बल्कि व्यक्तिगत अभिव्यक्ति के लिए एक सार्थक उद्देश्य भी मुहैया कराने का भी काम करती हैं।