नई दिल्ली। सशस्त्र सेनाओं के आधुनिकीकरण पर जोर देते हुए सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आज कहा कि भविष्य की लड़ाईयां दुर्गम क्षेत्रों में लड़ी जायेंगी।
जनरल रावत ने यहां सैन्य प्रौद्योगिकी के बारे में एक सेमीनार में कहा कि सशस्त्र सेनाओं के हर क्षेत्र में आधुनिकीकरण की अत्यधिक जरूरत है क्योंकि भविष्य की लड़ाईयां बेहद प्रतिकूल परिस्थितियों और दुर्गम क्षेत्रों में लड़ी जायेंगी और हमें उनके लिए तैयार रहना है।
सेना प्रमुख ने साथ ही कहा कि सेनाओं का आधुनिकीकरण सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। हल्की बुलेट प्रूफ जैकेट और फ्यूल सेल प्रौद्योगिकी के मामले में अच्छी पहल की गयी है। शुरूआत अच्छी है और यह जारी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि उद्योग जगत का सहयोग मिलता है तो सेना इस प्रौद्योगिकी का पूरा फायदा उठाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
जनरल रावत ने भविष्य की लड़ाईयों के लिए स्वदेशी हथियारों के उत्पादन को भी महत्वपूर्ण बताया और कहा, हम रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आयात पर निर्भरता कम करना चाहते हैं क्योंकि हमारे जैसे देश के लिए अब यह सुनिश्चित करने का समय आ गया है कि हम भविष्य की लड़ाईयां देश में ही बने हथियारों से लड़े।
सेना ने कुछ समय पहले पुराने हथियारों की जगह सात लाख नयी रायफलें, 44000 हल्की मशीन गन और लगभग 45 हजार कारबाइन की खरीद के आर्डर को अंतिम रूप दिया था।