ब्रिस्टल: वैज्ञानिकों ने गहरे रंग के फलों की जांच की, जिन पर मोम की बहुत पतली परत होती है। इनमे ब्लूबेरी, ब्लू कॉर्न जैसे फलों को शामिल किया गया। उन्होंने पाया कि नीले रंग के नज़र आने वाले फलों में लाल रंग होता है।
क्या हम में से कभी किस ने यह सोचा है कि नीले रंग के फल बेहद कम संख्या में क्यों पाए जाते हैं या इस बारे में भी किसी ने कभी ख्याल नहीं किया कि यह नीले फल इतने दुर्लभ क्यों होते हैं? इससे भी अधिक आश्चर्य की बात यह है कि जो फल हमें नीले दिखाई देते हैं वे वास्तव में नीले नहीं होते हैं? एक सवाल यह भी बनता है कि ब्लूबेरी नीले क्यों दिखते हैं?
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यूनाइटेड किंगडम में ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने गहरे रंग के फलों की जांच की, जिन पर मोम की बहुत पतली परत होती है।
साइंस एडवांसेज में प्रकाशित अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने दिखाया कि फलों की त्वचा में गहरे लाल रंग के बावजूद ब्लूबेरी नीली क्यों होती है। उन्होंने खुलासा किया कि ब्लूबेरी की मोम कोटिंग में छोटी बाहरी संरचनाएं उन्हें नीला रंग देती हैं।
आगे उन्होंने बताया कि यह बहुत सारे फलों पर लागू होता है जो एक ही रंग के होते हैं जिनमें डेमसन (damsons), स्लोज़ (sloes) और जुनिपर बेरी (juniper berries) शामिल हैं।
वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया कि इन फलों के स्पष्ट रंग के लिए वास्तव में एक जटिल प्राकृतिक तंत्र जिम्मेदार है। शोधकर्ताओं ने कहा कि ब्लूबेरी नीले रंग की दिखाई देती है, भले ही उनमें लाल रंग होता है।
Scientists reveal why blueberries are blue @ScienceAdvances https://t.co/NNH79rp4BB
— Phys.org (@physorg_com) February 7, 2024
ऐसा उनके ऊपर मोम की परत के कारण होता है, जिसमें छोटे-छोटे कण होते हैं जो नीले और पराबैंगनी प्रकाश को बिखेरते हैं। यही कारण है कि ब्लूबेरी इंसानी आंखों को नीली दिखाई देती है।
ब्रिस्टल स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज के शोधकर्ता रॉक्स मिडलटन ने शोध के संदर्भ में कहा कि यही कारण है कि ब्लूबेरी के नीले रंग को निचोड़कर अलग नहीं किया जा सकता है। क्योंकि इसमें नीला रंगद्रव्य होता है, इसका अस्तित्व नहीं होता। यह केवल दिखने में ही ऐसा लगता है, असल में यह लाल रंग का होता है।