प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को इंटरव्यू दिया है जिसमे उन्होंने सरकार द्वारा विपक्ष के नेताओं को जेल भेजने के विपक्षी दलों के आरोपों का खंडन किया है।
स्पष्टीकरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज किए गए अधिकतम मामले उन व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ हैं जिनका राजनीति से कोई संबंध नहीं है।
प्रधानमंत्री के मुताबिक़ उनके कार्यकाल में एक लाख करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है। जिस पर उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह देश के लोगों का पैसा नहीं है?
लोकसभा चुनाव से पहले दिए गए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा है कि ईमानदार व्यक्ति को डरने की कोई बात नहीं है। आगे उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को “पाप का डर” होता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को यह समझना चाहिए कि ईडी के केवल 3 प्रतिशत मामलों में राजनीतिक नेता शामिल होते हैं और 97 प्रतिशत मामले उन लोगों के खिलाफ दर्ज होते हैं जो राजनीति से संबंधित नहीं हैं।
मेरे फैसले किसी को डराने के लिए नहीं, ईडी के ऐक्शन पर भी बोले PM मोदी#PMNarendraModi https://t.co/WQeMwUQlZf
— Hindustan (@Live_Hindustan) April 15, 2024
पीएम मोदी ने अपनी सरकार का हवाला देते हुए कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री था तो मेरे गृह मंत्री को जेल में डाल दिया था। उन्होंने बताया कि इस समय जेल में मौजूद लोग या तो ड्रग माफिया हैं, या ऐसे अधिकारी हैं जो भ्रष्टाचार में शामिल हैं। जेल जाने वालों में प्रधानमंत्री ने उन अधिकारियों का हवाला दिया जिन्होंने बेनामी संपत्ति बनाई है।
ईडी की कार्यप्रणाली को सही बताते हुए प्रधानमंत्री का कहना है कि पिछले दस वर्षों में 2200 करोड़ रुपये नकद बरामद किए हैं जबकि 2014 से पहले ईडी केवल 34 लाख रुपये नकद बरामद कर सका था, जिसे स्कूल बैग में ले जाया जा सकता था।
प्रवर्तन निदेशालय की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में केंद्र में कार्यभार संभालने के बाद से केंद्रीय एजेंसी ने भ्रष्टाचार से निपटने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
आगे उन्होंने कहा कि 2014 से पहले, ईडी ने केवल 5000 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। इस पर प्रधानमंत्री का सवाल था कि क्या किसी ने ईडी को कार्रवाई करने से रोका था और किसे फायदा हो रहा था? प्रधानमंत्री के मुताबिक़ उनके कार्यकाल में एक लाख करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है। जिस पर उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह देश के लोगों का पैसा नहीं है?