नई दिल्ली : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) ने आलोचना के बाद विशेष तौर पर वीआईपी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री कार्यालय की ओर से सिफारिशी मरीजों का इलाज सुविधाजनक बनाने के लिए शुरू किया गया काउंटर बंद कर दिया। Aims
अस्पताल सूत्रों ने कहा कि यह कदम एम्स प्रशासन की पहल पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा द्वारा अप्रसन्नता व्यक्त किए जाने के बाद आया है।
द फैकल्टी असोसिएशन ऑफ एम्स (एफएआईआईएमएस) ने इस कदम की आलोचना करते हुए आरोप लगाया था कि यह प्रशासन का संस्थान के परिसर में वीआईपी संस्कृति को बढ़ावा देने का खुलेआम प्रयास है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, मोदी सरकार केवल वीआईपी के लिए काम करती है, आप सरकार केवल आम आदमी के लिए काम करती है।
एम्स की ओर से जारी एक परिपत्र में कहा गया है, पूर्व के 23 फरवरी की तिथि वाले कार्यालय परिपत्र को बदलते हुए यह निर्णय किया गया है कि राजकुमारी अमृत कौर ओपीडी में वीआईपी संदर्भों को देखने के लिए खोले गए काउंटर को बंद कर दिया जाए और पहले की यथास्थिति तत्काल प्रभाव से बहाल की जाए।
एम्स ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के ओएसडी और सांसदों की ओर से आने वाली वीआईपी सिफारिशी मरीजों के पंजीकरण के लिए विशेष काउंटर खोला था।
फैकल्टी सदस्यों ने दावा किया कि यह काम पहले भी होता था और इसे मीडिया एवं प्रोटोकॉल डिविजन द्वारा देखा जाता था लेकिन वह ऐसे खुलेआम नहीं होता था।
गौरतलब है ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) में विशेष तौर पर एक नया काउंटर खोला गया था जिसके तहत उन मरीजों को तवज्जो दी जाती जिनकी सिफारिश किसी वीआईपी ने की हो। हालांकि इससे पहले भी मंत्रियों और सांसदों की सिफारिश पर पहुंचने वाले मरीजों का ओपीडी कार्ड बनवाया जाता रहा है लेकिन उनके लिए कोई विशेष काउंटर की सुविधा नहीं थी। एम्स ने पहले विशेष काउंटर खोलने की बात कही लेकिन अब फैसले की आलोचना के चलते इसे पलट दिया गया है।