पांच देशों के संगठन ‘ब्रिक्स’ में नए देशों को शामिल करने पर सहमति बन गई है। ब्रिक्स संगठन में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।
भारत ने भी ब्रिक्स के विस्तार का समर्थन करते हुए मापदंड बनाने पर जोर दिया है। भारत के इस प्रयास को रूस का भी समर्थन मिला है। भारत का प्रयास है कि इस संगठन में भारत के रणनीतिक भागीदार नए सदस्य के रूप में शामिल हों।
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के मुताबिक जो देश ब्रिक्स में शामिल होना चाहते हैं, उनके लिए नियम-कायदे तय किए गए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार 23 देशों ने ब्रिक्स संगठन में शामिल होने की इच्छा जताई है।
"ब्रिक्स के विस्तार का पूरा समर्थन करता है भारत"
◆ 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में बोले पीएम मोदी#BRICSSummit2023 | BRICS pic.twitter.com/ce1IX6q6Cu
— News24 (@news24tvchannel) August 23, 2023
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रयास है कि दक्षिण अफ्रीका में चल रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हमारे रणनीतिक भागीदार देश जैसे यूएई, सऊदी अरब, इंडोनेशिया और मिस्र नए सदस्य बनें।
प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स के प्रस्तावित अंतरिक्ष अन्वेषण समूह का गठन किये जाने का भी समर्थन कियाऔर विश्व व्यापार संगठन सहित कई बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों में सुधार की बात भी कही है।
इस संबंध में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का कहना है कि अधिक देशों को ब्रिक्स में शामिल होने की अनुमति दी जानी चाहिए। जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए चीनी राष्ट्रपति ने ब्रिक्स समूह के विस्तार में तेजी लाने का आह्वान किया।
इससे पहले चीन की कोशिश थी कि ब्रिक्स को पश्चिमी देशों जी-7 के खिलाफ खड़ा किया जा सके। चीन इसमें अमेरिका विरोधी देशों को शामिल कराना चाहता है।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया से मिली ख़बरों के मुताबिक़ जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स की शिखर बैठक के दौरान प्रधनमंत्री मोदी ने एकता का वैश्विक संदेश भेजने का आह्वान किया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधार के लिए समय सीमा निर्धारित करने की अपील की है।
प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स के प्रस्तावित अंतरिक्ष अन्वेषण समूह का गठन किये जाने का भी समर्थन किया। साथ ही उन्होंने विश्व व्यापार संगठन सहित कई बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों में सुधार की बात भी कही है।