नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 90 पायलटों को बोइंग 737 मैक्स उड़ाने से रोक दिया है। अब इन पायलटों को डीजीसीए की संतुष्टि के लिए एक बार फिर से प्रशिक्षण प्रक्रिया से गुजरना होगा।
डीजीसीए की तरफ से ऐसा तब करना पड़ा जब उन्हें सिम्युलेटर प्रशिक्षण में विसंगतियों का पता चला। डीजीसीए के महानिदेशक अरुण कुमार का कहना है कि, इन सभी पायलटों को बोइंग उड़ाने से पहले दोबारा प्रशिक्षण से गुजरना होगा।
महानिदेशक ने इन 90 पायलटों की प्रशिक्षण प्रोफाइल का अवलोकन किया था। खामियों को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने कहा कि पूरा पायलट प्रशिक्षण भी जांच के दायरे में है।
पायलटों को विमान संचालन से इतनी भारी संख्या में रोकने के बाद विमान कंपनियों में अफरा तफरी का माहौल है। दरअसल, स्पाइसजेट 11 बोइंग विमानों का संचालन करती है और इन्हें उड़ाने के लिए 144 पायलटों की आवश्यकता होती है। हालांकि, स्पाइसजेट के प्रवक्ता के मुताबिक़ बोइंग 737 मैक्स पर 650 प्रशिक्षित पायलटों में से 560 अभी भी उपलब्ध हैं। इसलिए इसके संचालन पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा।