काबुल. अफ़ग़ानिस्तान के तालिबान हमले के बाद रक्षा मंत्री और आर्मी चीफ़ का इस्तीफ़ा. मज़ार-ए-शरीफ के पास एक सैन्य ठिकाने पर तालिबान के हमले के तीन दिनों बाद अफ़ग़ानिस्तान के रक्षा मंत्री और आर्मी चीफ़ ने इस्तीफा दे दिया है.
इससे पहले अफ़ग़ानिस्तान में कुछ राजनेताओं ने अमरीकी सैन्य रणनीति पर सवाल उठाए.
अफ़ग़ानिस्तान के एक प्रमुख सांसद मिरवाइज यासिनी ने शिकायत की है कि अमरीका की दिलचस्पी तालिबान की जगह इस्लामिक स्टेट से निपटने में ज्यादा है.
हफ्ते भर पहले अमरीकी सेना ने इस्लामिक स्टेट के संदिग्ध लड़ाकों पर अब तक का सबसे बड़ा पारंपरिक बम गिराया था.
अफ़ग़ानिस्तान के एक अन्य सांसद मोहम्मद फरहद सेदिकी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा कि ऐसा ही एक बम पाकिस्तान की सरहद के उस पार तालिबान के ट्रेनिंग ग्राउंड्स पर भी गिराना चाहिए.
तालिबान को कई अफ़ग़ान सुरक्षा के लिए ज्यादा बड़ा खतरा मानते हैं.
ये प्रतिक्रियाएं अफ़ग़ानिस्तान के एक सैन्य ठिकाने पर पिछले हफ्ते हुए तालिबान हमले के बाद आई हैं. इस हमले में अफ़ग़ानिस्तान के सौ से ज्यादा सैनिक मारे गए थे.