अमरीकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन (AASM) का मानना है कि नींद स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। नींद लेने वाला व्यक्ति जब सो रहा होता है तो वास्तव में वह अपना सिस्टम रिफ्रेश कर रहा होता है। हमारे दिनचर्या में नींद एक ऐसी प्रक्रिया है जो शरीर और विभिन्न अंगों की रिपेयर का काम करती है।
नींद न केवल मस्तिष्क के लिए बल्कि पूरे शरीर के हर अंग के स्वास्थ्य और कार्यकुशलता के लिए आवश्यक है। इसकी बदौलत मस्तिष्क को दैनिक अनुभवों को संसाधित (Processed) करने, यादों को समेकित (Consolidated) करने और नई जानकारी सीखने में मददमिलती है।
विशेषज्ञों नींद को एक जैविक आवश्यकता मानते हैं। सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए नींद के महत्व और स्वास्थ्य असमानताओं में अपर्याप्त नींद के योगदान को और अधिक स्पष्ट करने के लिए वे अधिक नींद और सर्कैडियन शोध की आवश्यकता की बात करते हैं।
आइए देखें कि नींद विभिन्न शारीरिक प्रणालियों को किस प्रकार प्रभावित करती है-
मस्कुलोस्केलेटल प्रणाली
नींद के दौरान शरीर में मरम्मत और ग्रोथ की प्रक्रिया होती है। मांसपेशियों की मजबूती और घाव भरने में नींद बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र
नींद की कमी का पूरे शरीर और दिनचर्या पर प्रतिकूल असर पड़ता है। यह कमी ध्यान, निर्णय लेने की क्षमता और मनोदशा को प्रभावित करती है। नींद के कारण ही मस्तिष्क, दैनिक अनुभवों को संसाधित करने के अलावा यादों को समेकित करता है और नई जानकारी सीखने के लायक हो पाता है।
हृदय और परिसंचरण तंत्र
लगातार नींद की कमी से ब्लूडप्रेशर, दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में एक बेहतर नींद हृदय और रक्त वाहिकाओं को “आराम” की मुद्रा में लेकर इन अंगों की अच्छी सेहत की प्रक्रिया में सहायक बनती है।
पाचन तंत्र और मेटाबॉलिज़्म
नींद की कमी से हार्मोनल परिवर्तन होते हैं जिससे वजन बढ़ना, मधुमेह और इंसुलिन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। नींद मेटाबॉलिज़्म को संतुलित करती है।
इम्यून सिस्टम
गहरी नींद प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है, जिससे शरीर रोगों से लड़ने में सक्षम होता है। नींद की कमी से संक्रमण और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
आंखें और त्वचा
पर्याप्त नींद आंखों के स्वास्थ्य और त्वचा की ताजगी के लिए भी महत्वपूर्ण है। नींद की कमी से आंखें सूखी हो सकती हैं, दृष्टि धुंधली हो सकती है और त्वचा पर झुर्रियां बढ़ सकती हैं।