अल्मोड़ा। कम उम्र में शादियों की समस्या से निपटने के लिए उत्तराखंड में अल्मोड़ा में एक मंदिर ने अनोखा रास्ता अपनाया है। चिताई गोलू देवता मंदिर के पुजारियों ने शादी कराने से पहले जोड़े का आधार कार्ड देखने पर जोर देना शुरू किया है। मंदिर में साल भर में करीब 400 शादियां होती हैं। जिनमें से शादियों के सीजन में रोज 4-5 शादियां होती हैं। मंदिर के पुजारी और कोषाध्यक्ष हरि विनोद पंत ने कहा, ”चूंकि हम मंदिर में ढेर सारी शादियां कराते हैं, कई बार जोड़े का नाम और पता पुष्ट कर पाना बेहद मुश्किल हो जाता है। aadhar card
कई कपल्स दूसरे राज्य से यहां शादी करने आते हैं और यह पता करना संभव नहीं कि वे शादी के लिए न्यूनतम उम्र पूरी कर चुके हैं या नहीं। कई बार तो ऐसा हुआ कि शादी के लिए आए जोड़े कम उम्र के निकले और पता चला कि वे शादी करने के लिए भागे थे। कई मामलों में नेपाल की अवयस्क लड़कियां शादी के लिए आती हैं। इसलिए मंदिर कमेटी से शादी कराने से पहले आधार कार्ड चेक करने का फैसला किया।”
मिलता है आशीर्वाद
थानीय मान्यता के अनुसार, इस मंदिर में हुई शादी पवित्र मानी जाती है क्योंकि नवदंपत्तियों को गोलू देवता आशीर्वाद देते हैं, जिन्हें कुमाऊं में न्याय का देवता माना जाता है। मंदिर प्रशासकों ने कहा कि वे सिर्फ आधार कार्ड ही चेक करने पर जोर देंगे और वोटर आईडी या पैन कार्ड जैसी अन्य पहचान पत्र नहीं। पंत के मुताबिक, ”आधार कार्ड में नाम, उम्र, पिता का नाम, पता जैसी जरूरी जानकारियां होती हैं और यह विश्वसनीय प्रमाण भी है। इसलिए हमने यह तय किया कि कपल्स को अपने साथ आधार कार्ड लाना होगा।”
अगर शादी की इच्छा रखने वाले किसी जाेड़े के पास आधार कार्ड न हो क्या होगा। पंत ने कहा कि अगर मंदिर की कमेटी का कोई सदस्य दूल्हा या दुल्हन या उनके परिवार को जानता है और शादी से संतुष्ट है तो हम इस पर फैसला करेंगे। aadhar card
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