सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा के डालमिया बाग के मालिकों पर पेड़ काटने के मामले में भारी जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने यह जुर्माना ताज ट्रेपेजियम जोन में बग़ैर इजाज़त के पेड़ काटने के मामले में लगाया है।
डालमिया बाग में कुल 454 पेड़ काटे गए थे। हर पेड़ पर एक लाख रुपये का जुर्माना तय करते हुएअदालत ने 4.54 करोड़ का जुर्माना लगाया है।
कोर्ट ने अवैध रूप से काटे गए प्रत्येक पेड़ पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने की मंजूरी दी। सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई मानव हत्या से भी बुरा काम है, क्योंकि इन पेड़ों के पुनर्निर्माण में कम से कम सौ साल का समय लग सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को हुई सुनवाई में भूमि मालिक को डालमिया बाग के एक किलोमीटर दायरे में 9080 पेड़ लगाने के लिए जमीन देने का आदेश दिया है। पेड़ लगाने के बाद उन्हें देखरेख के लिए वन विभाग को देखभाल के लिए पैसे भी जमा करने होंगे।
कल हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश उज्जवल भुईयां और अभय एस ओका की पीठ ने ताज ट्रेपेजियम जोन में पेड़ काटने पर बेहद सख्त रवैया अपनाया। कोर्ट ने सेंट्रल इम्पावर्ड कमेटी की सिफारिशों को मंजूर करते हुए डालमिया बाग मामले में हर पेड़ पर एक लाख रुपये का जुर्माना देने का आदेश दिया।
इस मामले में बेंच का कहना था कि पर्यावरण मामले में कोई दया नहीं। बड़ी संख्या में पेड़ों को काटना किसी इंसान की हत्या से भी बदतर है। 454 पेड़ों से बने हरित क्षेत्र को फिर से बनाने या नया जीवन देने में कम से कम सौ साल लगेंगे। इन पेड़ों को इस अदालत की अनुमति के बिना काट दिया गया, जबकि इस अदालत द्वारा लगाया गया प्रतिबंध वर्ष 2015 से ही है।