तमिलनाडु में आज भी प्राचीन सभ्यताओं के अवशेष बरामद होते रहते हैं। इस बार यहाँ शिवगंगा में 400 साल पुराना सिक्का मिलने की बात सामने आई है।
ख़बरों के मुताबिक़, वेनाडु चेरा राजाओं के काल का 400 वर्ष पुराना तांबे का एक सिक्का शिवगंगा के निकट मिला है। इस पर स्थानीय तमिल अक्षर ‘ச’ के अलावा एक बैठी हुई मानव आकृति सहित दस बिंदु अंकित हैं। इस सिक्के का वजन 2.5 ग्राम है।
गौरतलब है कि चेरा शासन संगम काल से 16वीं शताब्दी तक वर्तमान तमिलनाडु क्षेत्रों में था। चेरों ने शासन करने के लिए वर्तमान करूर को अपनी राजधानी बनाया और इसे करुवुर नाम से जाना गया।
मुद्राशास्त्री विद्वान अरुमुगम सीतारामन द्वारा सिक्के की समीक्षा पर कहा गया है कि ये सिक्के कई शताब्दियों पहले व्यापारिक संबंधों के माध्यम से चेरा क्षेत्र से इस क्षेत्र में आए होंगे। उनके मुताबिक़, इस प्रकार के सिक्कों की पहचान अंग्रेजों द्वारा पांड्या सिक्कों के रूप में की गई थी। बाद में पर्याप्त शिलालेखीय साक्ष्य के साथ उन्हें वेनाडु चेरा सिक्कों के रूप में पहचाना गया।
इस संबंध में शिवगंगा पुरातत्व सोसायटी के संस्थापक कलिराज का कहना है कि यह सिक्का मन्नार उच्चतर माध्यमिक विद्यालय और शिवगंगा में चेट्टी जल बांड के तट के बीच के क्षेत्र में जमीन की सतह पर पाया गया है।
जानकरी के मुताबिक़, बारहवीं से सोलहवीं शताब्दी तक वेनाडु, कन्याकुमारी के साथ था। वेणाड पर शासन करने वाले राजाओं ने कई प्रकार के सिक्के जारी किए। वीर केरलन, कोथाई रवि और उदय मार्तंडन जैसे राजाओं ने यहाँ नागरी लिपि में उकेरे गए सिक्के जारी किए।
गौरतलब है कि तमिल लिपि में भूतला वीररामनन, भूतला चेराकुलरामनन और रामराजा जैसे शिलालेखों वाले सिक्के भी पाए गए हैं।