पंजाब के किसान आज एक बार फिर से दिल्ली कूच करने वाले हैं। शंभू बॉर्डर से 101 किसानों का जत्था दिल्ली के लिए पैदल मार्च करेगा। ये किसान दोपहर 12 बजे अपनी यात्रा शुरू करेंगे। किसानों के मार्च को देखते हुए हरियाणा पंजाब और हरियाणा दिल्ली बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है।
एक बार फिर से किसानों और पुलिस के बीच मुक़ाबले के आसार नज़र आ रहे हैं। दरअसल हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए सड़क पर कीलें और कंक्रीट की दीवार बनाकर मल्टी लेयर बैरिकेडिंग की है।
बताते चले की यह किसान दो बार दिल्ली कूच का प्रयास कर चुके हैं मगर हरियाणा पुलिस ने इन्हें शंभू बॉर्डर से आगे जाने से रोक दिया।
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने अभी भी बात चीत का रास्ता खोला हुआ है। उनकी शिकायत है कि सरकार किसानों की मांग नहीं सुन रही। ऐसे में यह किसान शांति के साथ प्रदर्शन जारी रखना चाहते हैं मगर पुलिस मुठभेड़ में यह भी मुमकिन नहीं हो पा रहा है।
आज के प्रदर्शन की जानकारी देते हुए किसान नेता सरवन सिंह पंधेर का कहना है-“प्रदर्शन 307वें दिन में प्रवेश कर गया है और 101 किसानों का हमारा तीसरा जत्था दोपहर तक दिल्ली के लिए रवाना होगा।”
पंधेर ने आगे कहा कि पूरा देश इस प्रदर्शन का समर्थन कर रहा है लेकिन हमारे प्रधानमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री इस बारे में कुछ नहीं कह रहे हैं और दूरी बनाए हुए हैं।
सभी से किसान आंदोलन के समर्थन का आग्रह करते हुए पंधेर ने आरोप लगाया है कि सरकारी एजेंसियां यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश कर रही हैं कि ‘मोर्चा’ जीत न पाए।
किसानों के मार्च को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने अंबाला शंभू बॉर्डर पर सड़क पर कीलें और कंक्रीट की दीवार बनाने के साथ मल्टी लेयर बैरिकेडिंग की व्यवस्था की है। अंबाला में आज रात 12 बजे से इंटरनेट सेवाएं बंद हैं जो 17 दिसंबर तक बंद रहेगी।
किसानों की मांगों को लेकर 26 नवंबर से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ती जा रही है। इस अनशन को 19 दिन हो चुके हैं। नेता राकेश टिकैत आज जगजीत सिंह डल्लेवाल से खनौरी बॉर्डर पर मुलाकात करेंगे। भारतीय किसान यूनियन ने डल्लेवाल को अपना समर्थन दिया है।
इस आंदोलन के ज़रिए किसान मांग कर रहे हैं कि है कि सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून बने। डॉक्टर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक़ फसल की कीमत तय हो। डीएपी खाद की कमी को दूर किया जाए। किसान-खेत मजदूरों के कर्ज माफ हो, पेंशन दी जाए। भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू किया जाए। इसके अलावा इन किसानों की मांग है कि लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए तथा मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए।
इन किसानों की मांग है कि किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा और सरकारी नौकरी मिले। विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए। साथ ही मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम, 700 रुपए दिहाड़ी दी जाए।
किसान संविधान की 5 सूची को लागू कर आदिवासियों की जमीन की लूट बंद किए जाने की मांग कर रहे हैं। नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां और खाद वाली कंपनियों पर कड़े कानून के साथ मिर्च, हल्दी एवं अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग के गठन की मांग भी इन किसानों ने की है।