भारतीय रेलवे में ट्रेड यूनियन का चुनाव होने जा रहा है। यह चुनाव रेलवे के सभी जोन में 4 से 6 दिसंबर तक चलेगा। ख़ास बात यह है कि रेलवे के यह चुनाव 11 साल बाद होंगे। इस चुनाव में पांच संगठन हिस्सा ले रहे हैं।
रेलवे चुनाव में सभी ज़ोन के अंतर्गत आने वाली रेलवे की संस्थाएं चुनाव लड़ती है। इसके लिए ट्रेड यूनियन के 12 लाख कर्मचारी मतदान करेंगे। यह चुनाव विभिन्न रेलवे संगठनों द्वारा जोनल कार्यालय में किये गए दावे के बाद तय हुआ है। दरअसल उत्तर रेलवे में 6 संगठनों ने चुनाव लड़ने का दावा किया था। इनमे से एक संगठन को अयोग्य ठहराए जाने के बाद अब पांच संगठनों के बीच मुक़ाबला है।
ट्रेड यूनियन नियमों के तहत केवल रजिस्टर्ड संस्था ही इस चुनाव में हिस्सा ले सकती हैं। भारतीय रेलवे में कुल 19 ज़ोन हैं। जिसके लिए 4, 5 और 6 दिसंबर को रेलवे ट्रेड यूनियन का चुनाव होंगा। हालाँकि यह चुनाव हर 5 साल में कराया जाता है मगर विभिन्न कारणों से इस बार चुनाव 11 साल बाद होने जा रहा है। इससे पहले रेलवे ट्रेड यूनियन का चुनाव वर्ष 2013 में कराया गया था।
करीब 35 प्रतिशत मतदान पाने वाली संस्था को ही जोनल रेलवे से मान्यता मिलती है।इसके लिए रेलवे के 12 लाख से अधिक कर्मचारी मतदान करेंगे। किसी जोन में कर्मचारियों को 3 तो किसी में 2 संस्थाओं को मतदान करना होता है। मान्यता के साथ रेलवे कई तरह की सुविधाएं भी मुहैया कराता है।
रेलवे की ट्रेड यूनियन चुनाव के लिए उत्तर रेलवे के बडौदा हाउस में मुक़ाबले के लिए छह संस्थाओं ने दावा किया था। बीते दिन इनमे से केवल पांच संस्थाओं योग्य पाया गया और एक को निरस्त करना पड़ा।
मुक़ाबले के लिए योग्य संस्था में ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन की एनआरएमयू, नेशनल फेडरेशन ऑफ़ इंडियन रेलवे मेंस की यूआरएमयू, भारतीय रेल मजदूर संघ की यूआरकेयू, इंडियन रेलवे एम्पलाइज फेडरेशन की एनआरईयू और स्वतंत्र रेल बहुजन कर्मचारी यूनियन के बीच मुक़ाबला होना है। जबकि ऑल इंडिया रेलवे ट्रैक मेंटेनर यूनियन के चुनाव के लिए आवेदन अयोग्य घोषित कर दिया गया है।