केंद्र ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को भारत का अगला मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं।
भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीशन्याय की ज़िम्मेदारी संजीव खन्ना संभालेंगे। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की अधिसूचना गुरुवार को केंद्र की ओर से जारी की गई।
जस्टिस खन्ना 2019 में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए और जून 2023 से दिसंबर 2023 तक सर्वोच्च न्यायालय कानूनी सेवा समिति के अध्यक्ष का पद पर रह चुके हैं।
भारत के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर जानकारी देते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने एक पोस्ट में कहा- “भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश के परामर्श के बाद, माननीय राष्ट्रपति, भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश श्री न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को 11 नवंबर, 2024 से भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करते हैं।”
बताते चलें कि सीजेआई चंद्रचूड़ ने कानून मंत्रालय को पत्र लिखकर इस माह की शुरुआत में सर्वोच्च न्यायालय के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को अपना उत्तराधिकारी नामित किया था।
वर्तमान में न्यायमूर्ति खन्ना राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष तथा राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी भोपाल के शासी परिषद के सदस्य हैं।
गौरतलब है कि जस्टिस उस खन्ना संविधान पीठ में भी भागीदार रहे हैं जिसने संविधान के अनुच्छेद 370 को निस्तारण को जारी रखा था। साथ ही 2018 की चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर ने वाली टीम में भी इनकी शिरकत थी।
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखाने वाली टीम का हिस्सा रहे न्यायमूर्ति खन्ना कई अन्य महत्वपूर्ण फैसलों में भी शामिल रहे हैं। जस्टिस खन्ना की अगुवाई वाली पीठ ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति मामले से जुड़े ईडी केस में अंतरिम जमानत दी थी।
1983 में दिल्ली बार काउंसिल में एक वकील के रूप में नामांकन कराने वाले जस्टिस खन्ना ने शुरु में दिल्ली के तीस हजारी कॉम्प्लेक्स में जिला अदालतों में और बाद में दिल्ली उच्च न्यायालय और न्यायाधिकरणों में कई क्षेत्रों में प्रैक्टिस की है। इनमे पर्यावरण कानून सहित प्रत्यक्ष कराधान, मध्यस्थता, वाणिज्यिक कानून, कंपनी कानून, भूमि कानून और चिकित्सा लापरवाही जैसे विविध क्षेत्र शामिल हैं।
जस्टिस खन्ना ने दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर दिल्ली न्यायिक अकादमी, दिल्ली अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र और जिला न्यायालय मध्यस्थता केंद्रों के अध्यक्ष/प्रभारी न्यायाधीश का पद संभाला।
वर्ष 2004 में जस्टिस खन्ना को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए स्थायी सिविल वकील के रूप में नियुक्त किया गयाजबकि 2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में उनकी पदोन्नति हुई और अगले वर्ष 2006 में उन्हें स्थायी न्यायाधीश बनाया गया।
18 जनवरी 2019 को जस्टिस खन्ना सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए और उन्होंने 17 जून 2023 से 25 दिसंबर 2023 तक सर्वोच्च न्यायालय कानूनी सेवा समिति के अध्यक्ष का पद संभाला।