वर्तमान में बच्चे जिस तरह से डिजिटल टूल के साथ अपना समय बिता रहे हैं, उसने उनके स्वास्थ्य से जुड़े कई सवालों को भी सामने ला दिया है। इस समय माता-पिता इस सवाल को लेकर चिंता करते मिलते हैं कि स्क्रीन पर कितना समय बिताना सेहत के लिए मुनासिब है?
दक्षिणी डेनमार्क विश्वविद्यालय (University of Southern Denmark) के डॉ. जेस्पर श्मिट-पर्सन के नेतृत्व में हाल ही में किए गए एक अध्ययन में किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य पर कम स्क्रीन एक्सपोज़र के प्रभावों को देखा गया।
181 बच्चों और किशोरों वाले 89 परिवारों को बिना कोई श्रेणी दिए हुए दो समूहों में विभाजित किया गया। बच्चों की औसत आयु 4 से 17 वर्ष के बीच थी, जो औसतन 8 से 9 वर्ष थी।
जिस समूह ने बच्चों के स्क्रीन एक्सपोज़र को तीन घंटे या उससे कम समय तक सीमित रखा, उनके मानसिक स्वास्थ्य में सुधार देखा गया।
पहले समूह को दो सप्ताह की अवधि के लिए अपने स्मार्टफोन और टैबलेट को छोड़ना पड़ा और दूसरे को स्कूल या काम को छोड़कर, टीवी और कंप्यूटर के उपयोग को प्रति सप्ताह तीन घंटे या उससे कम तक सीमित करना पड़ा।
श्मिट-पर्सन ने ईमेल के माध्यम से फॉक्स न्यूज डिजिटल को बताया- “हमारा अध्ययन स्क्रीन मीडिया के उपयोग में परिवार-आधारित कमी और बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के बीच संबंध के लिए कारणों के सबूत प्रस्तुत करता है।”
जिस समूह ने बच्चों के स्क्रीन एक्सपोज़र को तीन घंटे या उससे कम समय तक सीमित रखा, उनके मानसिक स्वास्थ्य में सुधार देखा गया।अध्ययन में पाया गया कि उनकी भावनाओं को नियंत्रित करने और साथियों के साथ सहायक, विचारशील तरीकों से संवाद करने में भी विशेष रूप से सुधार देखने को मिला।
श्मिट-पर्सन ने सुझाव दिया कि माता-पिता को पूरे परिवार में मीडिया का उपयोग कम करने का प्रयास करना चाहिए और स्क्रीन के उपयोग के बिना अधिक समय के मुहैया कराने की कोशिश करनी चाहिए।
आगे वह कहते हैं- “मैं मानता हूं कि यह आसान नहीं है, लेकिन बच्चों, किशोरों और माता-पिता के लिए सरल और समझने योग्य नियम बनाना महत्वपूर्ण हो सकता है।”