जी-7 सम्मेलन के में शरीक होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को इटली के आपुलिया पहुंच गए। अपुलिया के ब्रिंडिसि हवाई अड्डे पर इटली में भारत के राजदूत वाणी राव और अन्य अधिकारियों ने पीएम मोदी का स्वागत किया। ये बैठक तीन दिन तक चलेगी।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट के ज़रिए जानकारी दी – ”जी-7 में हिस्सा लेने के लिए इटली पहुंच गया हूं। उम्मीद है कि दुनिया भर के नेताओं से सकारात्मक और नतीजे देने वाली वार्ता होगी। हम मिलकर दुनिया के सामने चुनौतियों का हल खोजने का प्रयास करेंगे और बेहतर भविष्य के लिए सहयोग बढ़ाने पर बल देंगे।”
बताते चलें कि भारत जी-7 का सदस्य नहीं है लेकिन सम्मेलन में पांचवीं बार आमंत्रित सदस्य के रूप में हिस्सा ले रहा है। प्रधानमंत्री ने सम्मलेन में बेहतर भविष्य के लिए सहयोग बढ़ाने पर जोर देने की बात कही है।
जी-7 शिखर सम्मेलन में भारत सहित अमरीका, कनाडा जैसे कई देश शरीक हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इटली में अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी मुलाकात हो सकती है। अनुमान है कि इस बीच खालिस्तानी आतंकी गुरुपवंत पन्नू के मामले में चर्चा हो।
बैठक में यूरोपीय कमिशन की अध्यक्ष उर्सुला फ़ॉन देर लेयन और यूरोपीय काउंसिल के अध्यक्ष चार्ल्स माइकल पहुंच चुके हैं। जी-7 में शामिल होने के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो, जर्मनी के चांसलर ओलाफ़ शोल्त्ज़, इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी, अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, जापान के पीएम फुमियो किशिदा और ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक इटली पहुंच चुके हैं।
जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इटली में अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी मुलाकात हो सकती है। अनुमान है कि इस बीच खालिस्तानी आतंकी गुरुपवंत पन्नू के मामले में चर्चा हो। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ इस बैठक में ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस के अलावा यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की भी शामिल हो रहे हैं।
जी-7 देशों के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक में रूस और यूक्रेन के बीच दो साल से अधिक समय से चल रहे युद्ध के साथ गाज़ा-इसराइलके 8 माह से जारी युद्ध पर चर्चा होगी। इसके अलावा जलवायु परिवर्तन, प्रवासी मुद्दे, तकनीक सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा होनी है।