जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में चारों सीटों पर लेफ्ट की जीत के बाद कैंपस में जश्न का माहौल है। इन सीटों पर वामपंथी संगठन तथा उसके समर्थित उम्मीदवारों का मुकाबला आरएसएस समर्थित छात्र संगठन एबीवीपी के साथ था। छात्र 4 वर्ष बाद होने वाले चुनावों को लेकर बेहद उत्साहित नज़र आए।
अध्यक्ष पद के लिए धनंजय चुने गए, अविजीत घोष उपाध्यक्ष पद के लिए चुने गए। प्रियांशी आर्य को महासचिव जबकि मोहम्मद साजिद को संयुक्त सचिव चुना गया है।
जेएनयूएसयू के अध्यक्ष पद पर अपनी दावेदारी मज़बूत करने वाले वामपंथी उम्मीदवार धनंजय ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के उम्मीदवार उमेश सी अजमीरा को 922 मतों से हराकर जीत हासिल की है।
महासचिव पद पर बीएपीएसए उम्मीदवार प्रियांशी आर्य को जीत मिली है। बीएपीएसए के उम्मीदवार को वाम संगठनों का समर्थन मिला था।
जेएनयू के छात्र संघ चुनाव में एक बार फिर वामपंथी छात्र संगठनों की शानदार जीत से चारों सीटों पर वामपंथी छात्र संगठनों और उसके समर्थित उम्मीदवारों को जीत मिली है।
जेएनयूएसयू चुनाव में वामपंथी संगठनों ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को शिकस्त देकर तीन पद पर कब्जा जमाया है।
जेएनयू में इस वर्ष चार साल के अंतराल के बाद मतदान हुआ है और 7,700 से अधिक पंजीकृत मतदाताओं ने गुप्त मतदान के जरिए अपना वोट डाला।
जेएनयू छात्र संघ चुनावः लेफ्ट का दबदबा बरकरार, अध्यक्ष समेत चार पदों पर एबीवीपी की हार https://t.co/vVFp8eLiYh
— BBC News Hindi (@BBCHindi) March 24, 2024
शुक्रवार को जेएनयूएसयू चुनाव संपन्न हुए थे। कुल 17 मतदान केन्दों पर पूर्वाह्न 11 बजे से शाम सात बजे तक मतदान चला। चुनाव समिति ने कहा कि जेएनयूएसयू चुनाव दो चरणों में कराए गए। यही वजह है कि प्रबंधन और व्यवस्था के कारण देरी हुई थी।
बताते चलें कि इस वर्ष यहाँ 73 प्रतिशत वोट पड़े थे। रिकॉर्ड के अनुसार पिछले 12 वर्षों में ये सबसे अधिक मतदान प्रतिशत रहा।जेएनयू में 2019 में 67.9 प्रतिशत, 2018 में 67.8 प्रतिशत, 2016-17 में 59 प्रतिशत, 2015 में 55 प्रतिशत, 2013-14 में 55 प्रतिशत और 2012 में 60 प्रतिशत मतदान हुआ था।