संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ‘ग्रे लिस्ट’ से हटा दिया गया है। एफएटीएफ ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने वाली नीतियों में सुधार को लेकर संयुक्त अरब अमीरात की सराहना की है।
फ्रांस की राजधानी पेरिस में स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने शुक्रवार को कहा कि वह संयुक्त अरब अमीरात को उन देशों की तथाकथित ‘ग्रे सूची’ से हटा रहा है, जो मनी लांड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण से लड़ने के लिए सभी तरह के कदम नहीं उठाते हैं।
शुक्रवार को वैश्विक एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग वॉचडॉग फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने कहा कि उसने संयुक्त अरब अमीरात को बढ़ी हुई निगरानी के अधीन देशों की ‘ग्रे सूची’ से हटा दिया है, जबकि केन्या और नामीबिया को इस लिस्ट में जोड़ा गया है।
The decision to remove the Emirates from the Paris-based watchdog’s monitoring list was made after a comprehensive on-the-ground review
https://t.co/MIQbUy5E1p— The National (@TheNationalNews) February 23, 2024
अमीरात के अधिकारियों ने वित्तीय अपराधों को रोकने के लिए नए नियम तय किए हैं। यूएई ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद विरोधी एजेंसी की स्थापना की है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यूएई को 2022 में एफएटीएफ की ग्रे सूची में जोड़ा गया था। एफएटीएफ ने आज पेरिस में तीन दिवसीय बैठक के अंत में अपना फैसला सुनाया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूएई को ग्रे लिस्ट से हटाने का फैसला व्यापक समीक्षा के बाद किया गया। मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए यूएई में सख्त कानून हैं। यूएई ने आतंकवादियों के वित्तपोषण और हथियारों के प्रसार को रोकने के लिए कदम उठाए हैं।
वर्तमान में कुल 21 देश सूची में हैं। 200 से अधिक देशों और न्यायक्षेत्रों ने एफएटीएफ की सिफारिशों को लागू करने का वादा किया है। एफएटीएफ के पास उन देशों की “ब्लैक लिस्ट” भी है जिन्हें उच्च जोखिम वाले क्षेत्राधिकार माना जाता है।
एफएटीएफ ने दो वर्ष पहले यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस की निंदा को दोहराया। इसने पिछले साल निकाय में रूस की भागीदारी को निलंबित कर दिया था।