कैंसर ट्रीटमेंट के दौरान त्वचा में इंजेक्ट की जाने वाली जिस दवा को देने में पहले 30 मिनट से एक घंटे तक का समय लगता था, उसे अब मात्र 7 मिनट में देना मुमकिन होगा।
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) से मंजूरी मिलने के बाद नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) इस संक्रामक बीमारी के इलाज के समय को तीन चौथाई तक कम करने वाली दुनिया की पहली संस्था बन जाएगी।
नेशनल हेल्थ सर्विस के मुताबिक़, यह इंजेक्शन उन सैकड़ों कैंसर रोगियों का इलाज करने में सक्षम होगा जिनका इलाज इम्यूनोथेरेपी, एटेज़ोलिज़ुमाब से किया जा रहा है। अब उन्हें त्वचा में इंजेक्ट किया जा सकता है और इस काम के लिए मात्र 7 मिनट का समय ही देना पड़ेगा। जबकि पहले वेन में ड्रिप के ज़रिये इस दवा को देने में 30 मिनट से एक घंटे तक का समय लगता था।
ब्रिटिश ऑन्कोलॉजिस्ट मानते हैं कि इस मंजूरी के साथ इलाज तेज होने के अलावा ज्यादा मरीजों का इलाज कर पाना भी मुमकिन होगा।
एटेज़ोलिज़ुमैब, जिसे टेकेंट्रिक के नाम से भी जाना जाता है, आमतौर पर कैंसर रोगियों को उपचार के दौरान सीधे नस में ड्रिप के माध्यम से दिया जाता है। इसमें ज़्यादा समय के साथ रोगी को खासी मुश्किल का भी सामना करना पड़ता है।
हालाँकि, अब मरीज की त्वचा में इंजेक्शन लगाने का निर्णय लिया गया है, जिससे कैंसर उपचार टीमों को अधिक समय मिलेगा।
Patients in England will be first to access seven-minute cancer treatment jab https://t.co/6qwVYyGt7D
— Guardian news (@guardiannews) August 29, 2023
ब्रिटिश ऑन्कोलॉजिस्ट के मुताबिक, ‘इस मंजूरी से न सिर्फ इलाज तेज होगा, बल्कि कम समय में ज्यादा मरीजों का इलाज कर पाना भी मुमकिन होगा। चिकित्सकों का कहना है कि मौजूदा प्रक्रिया के दौरान उन्हें एक मरीज की देखभाल के लिए 30 से 60 मिनट की जरूरत होती है, जबकि नए में इस प्रक्रिया में एक मरीज को केवल 7 मिनट का समय लगेगा।
विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि एटेज़ोलिज़ुमैब, या टेकेंट्रिक, एक इम्यूनोथेरेपी दवा है जो फेफड़े, स्तन, यकृत और मूत्राशय के कैंसर के रोगियों का इलाज करके कैंसर कोशिकाओं को खोजने और नष्ट करने के लिए रोगी की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत बनाती है।