अमेरिकी राज्य हवाई के माउई जंगलों में लगी आग पर एक सप्ताह बाद भी काबू नहीं पाया जा सका, जबकि इस बीच मरने वालों की संख्या 110 तक पहुंच गई है।
अमेरिकन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन के मुताबिक, हवाई के माउई काउंटी के जंगल में लगी आग देश के 100 साल के इतिहास की सबसे भीषण आग बताई जा रही है।
आग लगने के पहले दिन 6 लोगों की मौत हुई थी, जबकि दूसरे दिन 30 और लोगों की मौत के बाद संख्या बढ़कर 36 हो गई। घटना के तीसरे दिन 19 लोगों की मौत के बाद मृतकों की कुल संख्या बढ़ कर 55 हो गई। सीएनएन की एक खबर के आधार पर एक सप्ताह बीत जाने के बाद अब ये संख्या 110 हो गई है।
अधिकारियों से मिली जानकारी से पता चला है कि हादसे में मिलने वाले शवों में से ज्यादातर जलकर राख हो गए हैं, जिससे उनकी पहचान करना मुश्किल हो रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जंगल की भयानक आग का मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन है।
धुएं के कारण दर्जनों लोगों की हालत बिगड़ गई है और उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस आग से लगभग 3000 इमारतें और 2500 एकड़ ज़मीन जलकर राख हो गई।
आग फैलने में तेज़ हवाओं ने केंद्रीय भूमिका निभाई। हवाओं के कारण आग पास के शहर लाहिना तक पहुंच गई और कई आवासीय इमारतों को अपनी चपेट में ले लिया। हालत बिगड़ते देख शहर को फ़ौरन खाली करा लिया गया था।
पर्यावरण-अनुकूल जीवनशैली अपनाकर और जहरीले पदार्थों का उपयोग कम करके हम पृथ्वी को इन आकस्मिक आपदाओं से बचा सकते हैं।
पर्यटकों और निवासियों को जंगल के पास जाने से रोका जा रहा है और 1,000 से अधिक लोगों को आश्रय स्थलों में ले जाया गया है। फायर ब्रिगेड की गाड़ियां अभी भी आग बुझाने का काम कर रही हैं।
पीड़ित अपने प्रियजनों की तलाश कर रहे हैं और उन्होंने सरकार और बचाव एजेंसियों से अपने प्रियजनों की वापसी के लिए कदम तेज करने की भी मांग की है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जंगल की भयानक आग का मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन है। पर्यावरण-अनुकूल जीवनशैली अपनाकर और जहरीले पदार्थों का उपयोग कम करके हम अपनी पृथ्वी को इन आकस्मिक आपदाओं से बचा सकते हैं।