अमृतपाल सिंह को पुलिस ने रविवार की सुबह मोगा के गांव रोड़े के गुरुद्वारा से गिरफ्तार किया है। तकरीबन 36 दिन बाद खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह के सरेंडर के साथ ही पुलिस की तलाश पूरी हुई।
करीब पांच सप्ताह से देश के कई हिस्सों में अमृतपाल सिंह की तलाश कर रही थी। ये तलाश यह जरनैल सिंह भिंडरावाला के गांव में पूरी हुई जहाँ उसने गुरुद्वारा साहिब से संबोधित किया था।
अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के सम्बन्ध में चलाये जाने वाले ऑपरेशन की मॉनिटरिंग स्वयं सीएम भगवंत मान कर रहे थे। उनकी ओर से पुलिस को ख़ास हिदायत दी गई थी कि किसी भी तरह से माहौल खराब नही होना चाहिए।
अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद मोगा के बाघापुराना और रोडे में भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई है। इस बीच अकाली दल ने अमृतपाल की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि अमृतपाल ने खुद सरेंडर किया है। ये पुलिस की नाकामी है। गिरफ्तारी पर पंजाब पुलिस ने अमृतपाल की मौजूदगी की पुख्ता सूचना होने की जानकारी दी है। जिसके चलते पंजाब पुलिस में रोडे गांव को घेर लिया था। ऐसे में अमृतपाल के पास कोई विकल्प नहीं रह गया था। आखिरकार उसने गुरुद्वारे के बाहर आकर गिरफ्तारी दी।
Amritpal Singh Arrested: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह हुआ गिरफ्तार, जानें कैसे पकड़ा गया
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दूसरी तरफ अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी पर कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भारत विरोधी प्रचारक और आतंकवादियों के समर्थक अमृतपाल सिंह को भागने में किसने मदद की, इसका खुलासा होना चाहिए।
अमृतपाल की गिरफ्तारी पर उनके परिवार ने प्रतिक्रिया की है। उनके चाचा ने अमृतपाल को सिखी स्वरूप बताते हुए कहा है कि परिवार कानूनी लड़ाई लड़ेगा।
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पंजाब पुलिस ने गुरुद्वारे की पवित्रता का सम्मान करते हुए अंदर प्रवेश करके अमृतपाल को गिरफ्तार नहीं किया। पुलिस का कहना है कि पुख्ता जानकारी मिलने पर उन्होंने गुरुद्वारे के पास फोर्स लगा दी और उसे घेरकर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। ये गिरफ्तारी आज सुबह करीब 6.45 बजे हुई है।