भारत की पहली मानव रहित कार मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के बीटेक के छात्रों ने बनाई है। इसका पहले चरण का सफल परीक्षण भी हो चूका है। आज माइक्रोसाफ्ट एशिया के अध्यक्ष अहमद मजहरी के सामने इसका पहला डेमो होगा।
इस कार में आगे और पीछे कैमरा लगाया गया है। यह कार बिना किसी ड्राइवर के ही रास्ता देख कर चल सकेगी।पहली मानव रहित कार के प्रोजेक्ट का पहला चरण दो साल की तयारी के बाद पूरा किया गया है। कोडिंग और प्रोग्रामिंग की सफलता के बाद इस कार को किसी भी सड़क पर सीधे चलने के लिए उतारा गया है।
मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान प्रोफेसर समीर के निर्देशन में बीटेक के कुल 19 छात्रों ने मिलकर इस कार को तैयार किया है। इस कार के निर्माण पर सात लाख रुपये की लागत आई है।
कैमरे की मदद से यह कार बिना किसी मानव चालक के ही रास्ता देख कर खुद से चल सकेगी। ड्राइव के दौरान सामने से आने वाली भीड़, गाड़ी, जानवर या अन्य समस्याएं होने पर वह अपने आप ब्रेक ले लेगी। अवरोधक के हटने के साथ ही यह मानव रहित कार आगे लिए रवाना भी हो जाएगी। फिलहाल यह गाड़ी अभी सीधे रास्ते पर ही चलने में सक्षम है।
अगले महीने इसका दूसरा चरण पूरा होने पर यह गाड़ी किसी भी मोड़ या घुमावदार रास्ते पर चलने के साथ ही आगे पीछे भी मुड़कर सफर कर सकेगी।