भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एक बार फिर ब्याज दरों में बढ़ोतरी का फैसला किया गया है। आरबीआई के इस फैसले के बढ़ रेपो रेट की बढ़ोत्तरी के चलते अब लोन की ज्यादा ईएमआई चुकानी पड़ेगी। ऐसा इसलिए होगा कि आरबीआई से बैंक जो रक़म लेंगे उन्हें वह बढ़ी हुई ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाएगा।
रिजर्व बैंक बाजार में मुद्रा के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए रेपो रेट का प्रयोग करता है। इस वर्ष केंद्रीय बैंक द्वारा मई से अब तक रेपो रेट में 1.50% की वृद्धि की जा चुकी है। इस बीच रेपो रेट 4.4 से बढ़कर 5.9 प्रतिशत तक पहुंच चुका है।
बैंक से लोन लेना अब और महंगा हो गया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई ने रेपो रेट में 50 बीपीएस अंकों की बढ़ोतरी की है। अब नया रेपो रेट 5.90 फीसदी हो गया। #rbipolicy #RBI #RepoRate
https://t.co/zFxOax0HTS— inextlive (@inextlive) September 30, 2022
रेपो रेट में आरबीआई की ओर से 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी का फैसला लेने के बाद मई महीने से इसमें अब तक 150 बेसिस प्वाइंट का इज़ाफ़ा हो चुका है। बैंक से लोन लेने वालों को इससे सबसे बड़ा झटका लगा है। बैंक रेपो रेट के बढ़ने के बाद अपनी ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेंगे। जिससे दिए गए लोन की ईएमआई बढ़ जाएगी।
इसे ऐसे समझ सकते हैं कि मई महीने में बैंक से 6.5 फीसदी के ब्याज दर पर लिए जाने वाले लोन पर नए रेपो रेट के बाद ब्याज दर कम से कम डेढ़ प्रतिशत बढ़ेगी और देनदार को ऐसे में 6.5% की ब्याज फीसदी पर लिए गए लोन पर बैंक कम से कम आठ प्रतिशत सालाना ब्याज वसूलेगा।