असामाजिक तत्व की श्रेणी में रखते हुए शिवसेना नेता संजय राउत और एनसीपी लीडर एकनाथ खडसे के फोन की टैपिंग कराई गई थी। अपनी जांच में मुंबई पुलिस ने इस बात का दावा किया है।
यह टैपिंग पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस के कार्यकाल में होने का दावा मुंबई पुलिस की जांच में किया गया है। मुंबई पुलिस के मुताबिक़ स्टेट इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट ने कुछ और लोगों के नाम असामाजिक तत्वों की लिस्ट में डाल दिए थे। पुलिस ने कहा कि यह लिस्ट गृह विभाग को भेजी गई थी और उसके बाद फोन टैपिंग की मंजूरी दी गई थी।
जिसका फोन टैप किया गया है उसे असामाजिक तत्व बताया गया। इससे हमारी गोपनीयता भंग हो गई। जिससे हम(पुलिस) निष्पक्ष काम करने की उम्मीद करते हैं वो किसी राजनीतिक पार्टी के लिए काम कर रहे हैं,उसको अब केंद्र सरकार सुरक्षा दे रही है। ये दुर्भाग्यपूर्ण है:संजय राउत, शिवसेना, महाराष्ट्र pic.twitter.com/4xH8KYYWuP
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 20, 2022
पुलिस के मुताबिक़ मंजूरी मिलने के बाद एनसीपी के नेता एकनाथ खडसे का फोन 67 दिनों तक टैप किया गया था। इसके अलावा राज्यसभा सांसद संजय राउत के फोन की टैपिंग 60 दिनों तक की गई थी। आरोप है कि संजय राउत और एकनाथ खडसे के फोन की टैपिंग उस समय की गई जब रश्मि शुक्ला विभाग प्रमुख थीं।
पिछले दिनों उनके खिलाफ इसे लेकर केस भी दर्ज किया गया था। एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस राजीव जैन की शिकायत के आधार पर रश्मि शुक्ला पर सेक्शन 165 और आईपीसी के सेक्शन 26 के तहत केस दर्ज किया गया था।