नयी दिल्ली 15 सितंबर : भारत को वित्त वर्ष 2027 में पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए अगले छह वर्षों में न सिर्फ आठ लाख करोड़ डॉलर के सकल पूंजी निर्माण की आवश्यकता पड़ेगी बल्कि इस दौरान कम से कम 400 अरब डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की भी जरूरत हाेगी।
बाजार अध्ययन और सलाह सेवा देने वाली एजेंसी डेलाॅयट ने आज जारी अपनी एक रिपोर्ट में यह उल्लेख करते हुये कहा कि पिछले रुझानों के आधार पर भारत को आठ लाख करोड़ डॉलर के सकल पूंजी निर्माण में से 250 अरब डॉलर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की आवश्यकता होगी। इस तरह भारत को आगामी 6 वर्षों में कम से कम 400 अरब डॉलर के एफडीआई की आवश्यकता पड़ेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना महामारी के बावजूद भारत में एफडीआई के प्रवाह का जारी रहना वित्त वर्ष 2027 में भारत की पांच लाख करोड़ डॉलर की वित्तीय योजना के लिए एक आशा की किरण बनकर उभरा है। वित्त वर्ष 2020-2021 में एफडीआई 81.72 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक था।