लखनऊ 01 दिसम्बर : उत्तर प्रदेश में निवेश के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुबंई दौरे पर कटाक्ष करते हुये समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि निवेश लाने में असफल मुख्यमंत्री मुम्बई में उद्योगपतियों के सामने शरणं गच्छामि होंगे। लोकतंत्र का इससे बुरा उपहास और क्या होगा।
श्री यादव ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि 2020 में लगातार दूसरी तिमाही विकास दर माइनस शून्य दर्ज की गयी है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था आर्थिक मंदी की चपेट में है। प्रदेश में धेले का निवेश नहीं आया है। इसके लिए श्री योगी बुधवार को मुबंई में उद्योगपतियों के सामने शरणं गच्छामि होंगे। लोकतंत्र का इससे बुरा उपहास और क्या होगा।
उन्होने कहा कि किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कना कोई भाजपा से सीखे। न किसान का कर्ज माफ किया, नहीं एमएसपी दी। गन्ना मूल्य भुगतान करने में हीलाहवाली की। वर्ष 2022 में किसान की आय दुगुनी होने की दूर-दूर तक संभावना नहीं है। किसान के उपयोग की खाद, बिजली, कीटनाशक सब महंगी है। मजबूरी में हजारों किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आज किसान अपनी मांगो को लेकर आंदोलित हैं। सरकार ने साजिशन जो कृृषि विधेयक पास किया है उससे किसान अपनी खेती पर स्वामित्व खो देंगे। उन्हें कारपोरेट खेती के लिए मजबूर किया जाएगा। भाजपा सरकार ने जानबूझकर इसीलिए एमएसपी का प्रावधान नहीं रखा है। किसानों को अपनी फसल बड़े व्यापरियों के हाथों बेचने की मजबूरी होगी।
उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री भूलें नहीं कि एक्सप्रेस-वे का उत्तर प्रदेश से परिचय समाजवादी सरकार ने ही कराया। आगरा-लखनऊ, एक्सप्रेस-वे पहली एक्सप्रेस-वे है जिसे समाजवादी पार्टी की सरकार ने बनाया था। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे भी समाजवादी सरकार की ही देन है। राज्य भर में जनपदों को फोरलेन सड़कों से जोड़ने की व्यवस्था भी समाजवादी सरकार में हुई थी।
सच तो यह है कि भाजपा सरकार के अब तक के कार्यकाल में प्रदेश के विकास का एक भी काम नहीं हुआ है। यह सरकार पूरी तरह विफल सरकार रही है। जनता भी इनकी जुमलेबाजी से भलीभांति परिचित हो गई है। कोई इनके भुलावे में आने वाला नहीं है। बचे हुए दिन काटने हैं तो कुछ उछलकूद दिखाने भर को मुख्यमंत्री लग गए हैं।