सेंट लुसिया। भारत ने आज शानदार प्रदर्शन करते हुए तीसरे क्रिकेट टेस्ट में वेस्टइंडीज को 237 रन से शिकस्त देकर चार मैचों की सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त बना ली। इस टेस्ट का एक पूरा दिन बारिश की भेंट चढ़ गया था लेकिन गेंदबाजी इकाई के दमदार प्रदर्शन से भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज को 47।3 ओवर में 108 रन के अंदर समेट दिया जिसे 87 ओवर में जीत के लिये 346 रन का लक्ष्य मिला था।
दिलचस्प बात है कि पिछले छह दशकों में यह पहली बार है जब भारत ने कैरेबियाई द्वीप में एक से ज्यादा टेस्ट मैच अपने नाम किया हो। भारत को इससे पहले पिछली तीन सीरीज में जीत 1971, 2006 और 2011 में 1-0 के अंतर से मिली थी।
पहली पारी के नायक भुवनेश्वर कुमार थे तो मोहम्मद शमी(11 ओवर में 15 रन देकर तीन विकेट) और इशांत शर्मा(सात ओवर में 30 रन देकर दो विकेट) ने दूसरी पारी में सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया। भुवनेश्वर(13 रन देकर एक विकेट), रविचंद्रन अश्विन(28 रन देकर एक विकेट) और रविंद्र जडेजा(20 रन देकर दो विकेट) ने भी इन दोनों तेज गेंदबाजों का पूरा साथ निभाया और डेरेन ब्रावो(59 रन) को छोड़कर वेस्टइंडीज का कोई भी बल्लेबाज टिक नहीं सका।
यह ऐतिहासिक क्षण तब आया जब जडेजा की गेंद पर भुवनेश्वर ने डीप मिडविकेट पर शैनोन गैब्रियल(11) का आसान विकेट लपका। कप्तान विराट कोहली काफी खुश दिखे लेकिन कोई जोरदार जश्न नहीं मना। इससे पहले भारत ने सुबह के सत्र में अजिंक्य रहाणे की 78 रन की उपयोगी पारी की बदौलत अपनी दूसरी पारी सात विकेट पर 217 रन पर घोषित की। भारत ने लंच से पहले 20 ओवर में 53 रन के अंदर वेस्टइंडीज के शीर्ष क्रम को पवेलियन भेज दिया। टीम ने बाकी सात विकेट 55 रन के अंदर चटका लिये। ब्रावो और रोस्तन चेज(10 रन) ने लंच के बाद पारी को संभालने की कोशिश की। लेकिन इशांत और भुवनेश्वर ने 20 ओवर पुरानी गेंद का बखूबी इस्तेमाल किया। भुवनेश्वर ने 26वें ओवर में चेज के स्टंप उखाड़ दिये।
जब स्पिनरों ने आक्रमण शुरू किया तो जर्मेन ब्लैकवुड(01) जडेजा की गेंद पर स्टंप आउट हुए जिसमें रिद्धिमान साहा ने अच्छा प्रदर्शन किया। शेन डोरिच(05) ने ब्रावो के साथ मिलकर आठ ओवर खेले और दोनों ने छठे विकेट के लिये 16 रन ही जोड़े। लेकिन ब्रावो को इससे अपना 15वां टेस्ट अर्धशतक बनाने का अच्छा मौका मिला, जिन्होंने 73 गेंद में इसे पूरा किया। लेकिन टीम के लिये काफी नहीं था। शमी ने एक और शानदार स्पैल फेंका और दूसरी स्लिप पर खड़े कोहली के हाथों डोरिच का विकेट लपकवाया। अश्विन ने जेसन होल्डर(01) को रन आउट कराया और फिर अलजारी जोसफ को 43वें ओवर में पवेलियन भेजा।
इस बीच शमी ने ब्रावो को आउट किया, रोहित शर्मा ने शार्ट लेग पर उनका कैच पकड़ा। भुवनेश्वर और शमी ने नयी गेंद से बढ़िया गेंदबाजी करते हुए अच्छी शुरूआत की। भुवनेश्वर ने जहां अपनी स्विंग से तो शमी ने अपनी रफ्तार से विपक्षी टीम के बल्लेबाजों को परेशान किया। इससे भारतीय टीम को चार गेंदों के अंदर दोहरी सफलता मिली। शमी ने चौथे ओवर में लियोन जॉनसन(शून्य) को फारवर्ड शार्ट लेग पर रोहित शर्मा के हाथों कैच आउट कराया। चार गेंदों बाद भुवनेश्वर ने क्रेग ब्रेथवेट(04) को पगबाधा आउट किया। मालरेन सैमुअल्स(12) ने थोड़ी देर तक इनकी गेंदों का डटकर सामना किया लेकिन इशांत का सामना करने में उन्हें मुश्किल हो रही थी। वह 14वें ओवर में इशांत की गेंद को स्मैश करने की कोशिश की लेकिन बोल्ड हो गये। इसके बाद जर्मेन ब्लैकवुड के बजाय चेज बल्लेबाजी के लिये उतरे। इससे पहले भारत ने अपनी पहली पारी सुबह के सत्र में 40 मिनट के खेल के बाद ही घोषित कर दी।
भारत ने तीन विकेट पर 157 रन से आगे खेलना शुरू किया। रोहित शर्मा(41 रन, एक चौका और तीन छक्के) अंपायर नाइजेल लोंग के पगबाधा आउट होने के फैसले के कारण रात के स्कोर में एक भी रन नहीं जोड़ सके। मिगुएल क्यूमिंस ने उनका विकेट हासिल किया। गेंद ने बल्ले का अंदरूनी किनारा छुआ था जिसे अंपायर नहीं देख सका और फिर रिद्धिमान साहा(14) को क्यूमिंस की नो-बाल पर विकेट के पीछे आउट करार कर दिया गया। अंपायर लॉंग ने तीसरे अंपायर का फैसला जानने की भी कोशिश नहीं की और रिद्धिमान को पवेलियन लौटने का आदेश दे दिया गया। क्यूमिंस(48 रन देकर छह विकेट) को दोनों ही मौकों का फायदा मिला। रविंद्र जडेजा(16) उनकी गेंद पर बड़ा शाट खेलने के प्रयास में डीप कवर में कैच आउट हो गये जिससे क्यूमिंस ने टेस्ट क्रिकेट में पहली बार पांच विकेट चटकाने की उपलब्धि अपने नाम की।