चेन्नई: अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए AIBEA) के महासचिव ने कहा कि वेतन में जल्द वृद्धि की मांग को लेकर बुधवार से शुरू हुई दो दिवसीय हड़ताल प्रभावी है. देशभर में सरकारी और निजी क्षेत्र के करीब 10 लाख से ज्यादा बैंककमियों की 30 मई से दो दिवसीय हड़ताल शुरू हो गई है.
ये लोग इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए IBA) की तरफ से पूर्व में प्रस्तावित दो प्रतिशत से अधिक वेतन वृद्धि नहीं करने का विरोध कर रहे हैं.
एआईबीईए के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने बताया, “स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और कुछ निजी बैंकों सहित देश भर में फैली करीब 85,000 बैंक शाखाएं दो दिनों तक बंद रहेंगी. हड़ताल प्रभावी है.” इस दो दिवसीय हड़ताल का नेतृत्व यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन(यूएफबीयू) कर रहा है, जो कि नौ यूनियनों का नेतृत्वकारी संगठन है. बैंक कर्मचारी वेतन में जल्द बढ़ोतरी की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे हैं.
टिप्पणियांवेंकटचलम ने कहा कि यूनियनों ने भारतीय बैंक संघ (आईबीए) से पहले दिए गए महज दो प्रतिशत बढ़ोतरी के प्रस्ताव से कोई बेहतर प्रस्ताव लाने की मांग की है, तभी हड़ताल समाप्त की जाएगी. आईबीए से स्केल 4-7 के बैंक अधिकारियों से वेतन संबंधी वार्ता नहीं तोड़ने के लिए भी कहा था. लेकिन आईबीए ने कुछ भी नहीं किया.
उन्होंने कहा कि इस संबंध में समझौता बैठक सोमवार को हुई थी. मुख्य श्रम आयुक्त(सीएलसी) ने आईबीए से 4-7 स्केल के अधिकारियों को वेतन वार्ता से अलग रखने संबंधी अन्य विवाद पैदा नहीं करने के लिए कहा.
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन (एआईबीओसी) के महासचिव डी.टी. फ्रांसो ने इससे पहले कहा था, “सीएलसी ने हालांकि हड़ताल के मुद्दों को सुलझाने का बहुत प्रयास किया, लेकिन इसका कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला. इसलिए 30 और 31 मई को हड़ताल होगी.”