कोलकाता। केबल बनाने वाली कंपनी निक्को कॉरपोरेशन के संभावित परिसमापन ( सब तरह की देनदारियां पूरी कर कंपनी बंद करना) से करीब 600 लोगों को नौकरी जाने का डर सताने लगा है। इसमें कामगार और अधिकारी वर्ग दोनों तरह के कर्मचारी शामिल हैं। कंपनी के बंद होने की आशंका इसलिए बढ़ गई है क्योंकि ऋणदाताओं ने उसके पुनरोत्थान पैकेज से इनकार कर दिया है।
कंपनी के गैर- कार्यकारी निदेशक शिव सिद्धांत कौल ने पीटीआई-भाषा से कहा, यह दुखद है कि इतनी पुरानी कंपनी को संभावित परिसमापन का सामना करना पड़ रहा है। कंपनी के पश्चिम बंगाल में श्यामनगर और ओडिशा में बारीपदा स्थित कारखानों में काम करने वाले करीब 600 लोगों को नौकरी जाने का डर है। कंपनी इससे पहले अपनी दो अन्य इकाइयों को बंद कर चुकी है।
निक्को पहली कंपनी है जिसने औद्योगिक एवं वित्तीय पुनर्गठन बोर्ड (बीआईएफआर) के खत्म होने के बाद राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) का रुख किया है। कौल ने कहा कि एनसीएलटी के तहत निर्धारित 270 दिन पूरे हो चुके हैं और कल अंतिम सुनवाई में न्यायाधीश ने फैसला
सुरक्षित रख दिया है। उन्होंने कहा कि नए पुनरोत्थान पैकेज के तहत प्रवर्तकों ने ब्याज पर कुछ राहत देने और उपयोग में नहीं कार्यालयी जगह की बिक्री से मिलने वाली राशि का कुछ हिस्सा अपने पास रखने के लिए कहा था ताकि दो संयंत्रों में परिचालन शुर किया जा सके। उल्लेखनीय है कि कार्यशील पूंजी के अभाव में 2015 से इन संयंत्रों में काम अस्थाई तौर पर काम बंद है।