लखनऊ, मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आज पहली बार अयोध्या जाएंगे. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सीएम बनने के बाद पहली बार अयोध्या का दौरा कर रहे हैं. जाहिर है कि मुख्यमंत्री के इस दौरे पर लोगों की नजरें तो हैं ही साथ ही सियासी हलकों में भी हलचल तेज है. मगर अयोध्या से योगी आदित्यनाथ का रिश्ता खास रहा है.
उत्तर प्रदेश के मुखिया जब अयोध्या की पावन धरती पर कदम रखेंगे तो सिर्फ एक शासक के रूप में नहीं बल्कि बतौर रामभक्त भी. लखनऊ से कुछ 110 किलोमीटर दूर राम की नगरी रह-रह कर बीजेपी के सियासी एजेंडे पर हावी रही है. इस दौरे की टाइमिंग भी संकेतात्मक है. जब एक दिन पहले ही बीजेपी के पुराने सितारे आडवाणी और जोशी लखनऊ की सीबीआई की स्पेशल अदालत में हाजिर हुए. ये पहली बार नहीं है जब योगी आदित्यनाथ अयोध्या जा रहे हैं. इससे पहले वो अपने गुरू और गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ के साथ अयोध्या आ चुके हैं.
महंत अवैद्यनाथ के दिगंबर अखाड़े के महंत रामचन्द्र परमहंस के साथ बेहद अच्छे संबंध थे. रामचन्द्र परमहंस राम जन्मभूमि न्यास के पहले अध्यक्ष भी थे. ये न्यास भव्य मन्दिर के निर्माण के लिए गठित किया गया था. महंत अवैद्यनाथ खुद इसके सदस्य भी रहे हैं.
१९ अप्रैल 2017 को जब सुप्रीम कोर्ट ने आडवाणी समेत 13 और आरोपियों के खिलाफ साजिश का मामला दोबारा चलाने के आदेश दिया था उसमें महंत अवैद्यनाथ का भी नाम था. हालांकि उनके निधन के चलते उनका नाम हटा लिया गया. महंत अवैद्यनाथ ने अपने जीवित रहते अपनी विरासत अपने सबसे प्रिय और कर्तव्यनिष्ट शिष्य योगी आदित्यनाथ को सौंपी और उनको गोरखनाथ पीठ का उत्तराधिकारी बनाया. अब योगी के कंधों पर अपने गुरू की अधूरी आकांक्षाओं को पूरा करने की भी जिम्मेदारी है.