लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गोद लेने के लिए एक शख्स ने आवेदन दाखिल किया है। बाराबंकी में हुई रैली में पीएम मोदी के ‘यूपी का गोद लिया बेटा’ वाले बयान पर काफी हंगामा मचा था। Application
उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोटिस भेजकर पूछा था कि उन्हें किसने गोद लिया है?
इसके बाद पतला-निवाड़ी के पूर्व चेयरमैन योगेंद्र पाल योगी मंगलवार को अपनी पत्नी के साथ सब रजिस्ट्रार अॉफिस पहुंचे और आवेदन दाखिल किया।
लेकिन पीएम मोदी को गोद लेने की उनकी ख्वाहिश अधूरी रह गई।
रिपोर्ट के मुताबिक सब रजिस्ट्रार ने उन्हें यह कहकर वापस भेज दिया कि जब तक गोद देने वाला पक्ष मौजूद नहीं होता है, तब तक गोदनामे के रजिस्ट्रेशन पर कार्रवाई करना मुमकिन नहीं है।
16 फरवरी को एक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद को उत्तर प्रदेश का ‘गोद लिया हुआ बेटा’ बताते हुए दावा किया था कि इस सूबे के हर कोने में सपा, बसपा तथा कांग्रेस के प्रति ‘भयंकर नफरत’ भरी हुई है और प्रदेश को विकसित करने के लिये उसे इन दलों के चंगुल से मुक्त कराना होगा।
मोदी ने हरदोई और बाराबंकी में आयोजित चुनावी रैलियों में कहा था कि तमाम संसाधन मौजूद होने के बावजूद उत्तर प्रदेश पिछड़ा हुआ है। इसका कारण यह है कि सपा, बसपा और कांग्रेस की सरकारों ने प्रदेश को संभालने के बजाय केवल अपने वोट बैंक को ही संभाला।
पीएम ने कहा था , ‘भगवान कृष्ण उत्तर प्रदेश में पैदा हुए और उन्होंने गुजरात को कर्मस्थली बनाया। मैंने गुजरात में जन्म लिया और उत्तर प्रदेश ने मुझे गोद लिया है। यह यूपी मेरा माई-बाप है।
गोद लिया हुआ बेटा होने के बावजूद यहां की स्थिति बदलना मेरा कर्तव्य बनता है, इसके लिये मुझे आपका आशीर्वाद चाहिये। मैं वादा करता हूं कि पांच साल के अंदर जिन समस्याओं से आप जूझ रहे हैं, उनके रास्ते खोजकर दे दूंगा।’
नोटिस जारी होने के बाद योगेंद्र पाल योगी ने एेलान किया था कि वह पीएम मोदी को गोद लेंगे। इसके लिए उन्होंने गोदनामा बनवाया था और पत्नी के साथ उसका रजिस्ट्रेशन कराने सब-रजिस्ट्रार थर्ड मुकेश सागर के सामने पेश हुए थे।
उन्होंने सब-रजिस्ट्रार से अनुरोध किया था कि वह गोदनामे के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी करें, जिसके कागजात वह उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग को भेजेंगे।
इस संबंध में सब रजिस्ट्रार ने बताया कि गोदनामा रजिस्ट्रेशन के लिए दोनों पक्षों (गोद लेने वाला और गोद देने वाला) का मौजूद होना जरूरी है।
उनकी मौजूदगी में ही रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी की जा सकती है। उन्होंने योगी के आवेदन पर आपत्ति लगाकर उसे लौटा दिया। सब-रजिस्ट्रार ने स्पष्ट किया कि गोद वही दे सकता है, जो संबंधित व्यक्ति की मां या पिता हो। उन्हें मां-पिता होने का साक्ष्य भी पेश करना होता है।