मुंबई। स्कॉर्पीन क्लास की दूसरी पनडुब्बी आईएनएस खंडेरी को गुरुवार को लॉन्च किया गया। मझगांव डॉक लिमिटेड शिपयार्ड पर आयोजित कार्यक्रम में रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे मौजूद थे। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब हम दूसरे देशों के लिए भी सबमरीन बनाएंगे। submarine
इस पनडुब्बी को दिसंबर 2017 तक कई तरह के मुश्किल टेस्ट से गुजरना होगा। स्कॉर्पीन क्लास पनडुब्बियां डीजल और बिजली से चलती हैं। मुख्य तौर पर इसका इस्तेमाल जंग में हमले के लिए होता है।
आईएनएस खंडेरी में दुश्मनों की नजर से बचने के लिए स्टील्थ फीचर है। इसके अलावा, यह दुश्मन पर प्रीसेशन गाइडेड मिसाइल के जरिए सटीक और घातक हमला कर सकता है।
हमले करने के लिए इसमें पारंपरिक टारपीडो के अलावा ट्यूब लॉन्च एंटी शिप मिसाइल्स हैं, जिसे पानी के अंदर या सतह से दागा जा सकता है। यह सबमरीन उष्णकटिबंधीय मौसम समेत किसी भी हालात में ऑपरेट करने में सक्षम है। इसमें कम्यूनिकेशन से जुड़े अत्याधुनिक डिवाइस लगी हुई हैं।
किसी भी अत्याधुनिक सबमरीन की तरह ही इससे कई तरह के मिशनों (ऐंटी सरफेस और ऐंटी सबमरीन, खुफिया सूचनाएं जुटाना, माइन बिछाना, इलाके की निगरानी आदि ) को अंजाम दिया जा सकता है।
खंडेरी का नाम मराठा लड़ाकों के एक द्वीप पर स्थित किले पर पड़ा है। उन्हें इस किले की वजह से 17वीं शताब्दी में समुद्र पर अपना वर्चस्व कायम करने में मदद मिली।
INS Khanderi की खासियत:
यह दुश्मन का पता लगते ही उस पर गाइडेड हथियारों से हमला कर सकती है।
यह पानी के नीचे से और सतह से दोनों तरह से दुश्मन पर हमला कर सकती है।
इससे टॉरपीडो के साथ साथ ट्यूब से भी एंटी शिप मिसाइलें दागी जा सकती हैं।
इसकी स्टैल्थ टेक्नीक इसे दूसरी सबमरीन्स के मुकाबले शानदार व बेजोड़ बनाती है।
इस सबमरीन वे सभी काम कर सकती है, जो दूसरी सबमरीन्स करती हैं। जैसे एंटी अंडरग्राउंड वॉर, एंटी सबमरीन वॉर, इंटेलिजेंस इनपुट्स देना और सर्विलांस करना।